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संगीत नगरी में 100वें तानसेन संगीत समारोह का आगाज, CM बोले- ग्वालियर संगीत-कला की अद्भुत नगरी, सुर सम्राट को किया नमन

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ग्वालियर । संगीत नगरी ग्वालियर में रविवार को 100वें तानसेन संगीत समारोह का आगाज हो गया है। तानसेन समाधि परिसर में महेश्वर के ऐतिहासिक किला की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश एवं दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ किया। इससे पहले सीएम ने सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर पहुंचकर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संगीतधानी ग्वालियर की उत्सवधर्मिता की देश भर में विशेष पहचान है। साथ ही संगीत और कलाओं का प्रोत्साहन एवं कलाकारों का मान-सम्मान बढ़ाने की यहां की रिवायत भी अद्वितीय है। इस धरा पर जन्मे तानसेन और बैजू बावरा जैसे महान संगीतज्ञों को वर्तमान संगीत साधक भगवान की तरह पूजते हैं। उन्होंने कहा कि संगीत शिरोमणि तानसेन की स्मृति में आयोजित हो रहे शताब्दी आयोजन में शामिल होकर मुझे विशेष खुशी की अनुभूति हुई है।

मप्र सरकार सभी कलाकारों करती है अभिनंदन
सीएम ने कहा कि तानसेन समारोह के शताब्दी आयोजन में अपने देश के संगीत के शीर्षस्थ साधकों के साथ चार अन्य देशों के संगीत कलाकार सुर सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने आए हैं। मध्यप्रदेश सरकार देश और विदेश के सभी कलाकारों का अभिनंदन करती है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर संगीत एवं कला की अद्भुत नगरी है। मेरा सौभाग्य है कि यहां महान संगीतज्ञ तानसेन की याद में आयोजित होने वाले संगीत समारोह में दो बार आने का मुझे मौका मिला। पिछली बार जब मैं आया था तब ग्वालियर दुर्ग पर ताल दरबार के वृहद आयोजन से गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना था। इसी तरह इस बार कला साधकों ने वाद्य यंत्रों का समवेत वादन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

प्रकृति से तालमेल बिठाने की क्षमता रखता है संगीत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शास्त्रीय संगीत के राग प्रकृति से तालमेल बिठा लेते हैं। साथ ही संसार के सभी प्राणियों से संगीत संवाद स्थापित करने में सक्षम होता है। भगवान श्रीकृष्ण के बांसुरी वादन से सम्पूर्ण गौधन का एकत्रित हो जाना इस बात का प्रमाण है। इसी तरह संगीत सम्राट तानसेन ने राग मल्हार के जरिए बरसात कराकर साबित किया कि राग प्रकृति से तालमेल बिठाने में सक्षम है।

ग्वालियर को संगीत हब बनाने किए जायेंगे प्रयास- सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर के लिये यह वर्ष अलौकिक वर्ष है। वर्ष 1924 में सिंधिया राज्यकाल में शुरू हुए तानसेन समारोह का इस साल शताब्दी वर्ष है। यह वर्ष ग्वालियर के इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर की पहचान संगीत के शहर के रूप में होती है। ग्वालियर को संगीत का हब बनाने का काम मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सहयोग से हम सब लोगों द्वारा मिलजुलकर किया जायेगा। सिंधिया ने तानसेन समारोह की तर्ज पर बैजू बावरा की स्मृति में चंदेरी संगीत महोत्सव को भव्य बनाने का आग्रह मुख्यमंत्री डॉ. यादव से किया।

100वें तानसेन समारोह के उपलक्ष्य में डाक टिकिट का विमोचन
तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में डाक विभाग द्वारा पाँच रूपए का डाक टिकिट जारी किया गया है। तानसेन समारोह के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अन्य अतिथियों ने इस डाक टिकिट का विमोचन किया। सीएम एवं अन्य अतिथियों ने तानसेन समारोह की 100 वर्षीय यात्रा पर केन्द्रित पुस्तक और इस साल के आयोजन पर तैयार की गई स्मारिका का विमोचन भी किया।

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