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रीवा RIC: मेहमानों को परोसा गया बघेली व्यंजन, ऐसी खातिरदारी देख सीएम के सामने खूब सराहा उद्योगपतियों ने

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रीवा। विंध्य क्षेत्र के रीवा में बुधवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। रीवा संभाग में पहली बार कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। दावा किया गया है कि रीवा में आयोजित की गई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में करीब 4 हजार प्रतिनिधि शामिल हुए और मप्र सरकार को 30 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव मिला। खास बात यह रही की कॉन्क्लेव में शामिल हुए अतिथियों तथा उद्योगपतियों के लिए बघेलखण्ड के विशेष व्यंजनों से भोजन की थाली सजाई गई। मेहमानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ व्यंजनों को चखा और तारीफ की।

मेहमानों के लिए बघेलखण्ड के जाने-पहचाने व्यंजन बगजा, रिकमच, बरा-मुगौरा, इदरहर, तस्मई, दालपूरी, गुराम, बाटी, भरता, अगाकर, महुआ से बने लाटा, लड्डू, मौहरी आदि जैसे अनेक व्यंजन परोसे गए। कॉन्क्लेव में श्रीअन्न के बने व्यंजनों की भी धूम रही। कोदौ-कुटकी, मक्का, ज्वार तथा बाजरा के बने व्यंजनों का सबने स्वाद चखा। बघेलखण्ड की सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार कॉन्क्लेव में आने वाले अतिथियों का जहाँ आत्मीय स्वागत किया गया वहीं उनकी खातिरदारी में भी कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी गई।

निवेश के अवसरों पर आयोजित हुआ सेक्टोरल रत्र
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा एमएसएमई और स्टार्टअप में निवेश के अवसरों पर एक महत्वपूर्ण सेक्टोरल सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में, एमएसएमई और स्टार्टअप में निवेश के अवसरों पर डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, सचिव सह आयुक्त, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया। प्रो. डॉ. अतुल पांडे, प्रोफेसर और डीन, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ,डॉ. संदीश कुमार जैन, प्रिंसिपल डायरेक्टर और हेड, सीआईपीईटी, भोपाल, राजीव खन्ना, प्रबंध निदेशक, खन्ना पॉलीवीव प्रालि रीवा, डॉ. मोनी थॉमस, निदेशक और सीईओ, जवाहर रफ्तार-एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर जबलपुर, श्री कमर जावेद, महाप्रबंधक नाबार्ड भोपाल पैनल में प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल हुए।

सत्र में विशेषज्ञ द्वारा बताया गया की एमएसएमई अधीनस्थ कंपनियों के रूप में बड़ी कंपनियां को बढ़ावा देने में बहुत बड़ा योगदान निभाती है चाहे वो व्यापार सेवा या विनिर्माण से संबंधित हो। सत्र के दौरान विशेषज्ञों ने औद्योगिक आकांक्षियों को उद्योग खोलने के लिए वित्त प्रबंधन, मानव पूंजी प्रबंधन, कौशल प्रबंधन के साथ उपलब्ध मार्केट से लाभ उठाने के सुझाव दिए। बताया गया कि आकांक्षी कैसे अपने उद्योग के लिए सरकार की मूलभूत सुविधाओं का फायदा ले सकता है।

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