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मोदी मंत्रिमंडल में क्यों शामिल नहीं हुए कुलस्ते , बताई बड़ी वजह

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भोपाल। मध्यप्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से सातवीं बार सांसद बने आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते को इस बार मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इसकी बड़ी वजह यह है कि कुलस्ते कैबिनेट मंत्री बनना चाहते थे। जबकि उन्हें एक बार फिर राज्यमंत्री बनाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने राज्य मंत्री का पद लेने से साफ इनकार कर दिया। इस बात का खुलासा फग्गन सिंह कुलस्ते ने ही किया है। उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। फग्गन सिंह कुलस्ते का सोशल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो शनिवार का बताया जा रहा है, जो आज सोमवार को वायरल हुआ है।

वीडियो में कुलस्ते कहते दिखाई दे रहे हैं कि मैं तीन बार राज्यमंत्री रहा हूं। चौथी बार राज्यमंत्री बनना सही नहीं है। इसलिए मैंने साफ इनकार कर दिया। मैंने कह दिया कि कैबिनेट मंत्री बनना सही रहेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से बात हुई है। भविष्य में स्वतंत्र मंत्रालय को लेकर कोई विचार होगा तो मेरे बारे में सोचेंगे।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली थी। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अपनी नई कैबिनेट के साथ शपथ ली। मोदी सरकार 3.0 में कुल मंत्रियों की संख्या 72 हैं, जिसमें 30 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा हैं। इनके अलावा 5 मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। वहीं, 36 सांसदों को राज्य मंत्री का पद दिया गया है। मोदी कैबिनेट 3.0 में ऐसे कई मंत्रियों को शामिल किया गया है, जो मोदी सरकार 2.0 में भी मंत्री रहे हैं।

खास बात यह भी है कि मोदी मंत्रिमंडल में मप्र से 5 नेताओं को मंत्री बनाया गया है। शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेन्द्र कुमार खटीक को जहां कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं दुर्गादास उइके और सावित्री ठाकुर को राज्यमंत्री का पद दिया गया है। लेकिन इस बार फग्गन सिंह कुलस्ते को मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई। बता दें कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडला के निवास पहुंचे थे। स्थानीय आॅडिटोरियम में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके लिए स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें पीएचई मंत्री संपतिया उइके भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद चलते-चलते उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान ये बयान दिया। वहीं जब उनसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कोई बदलाव की स्थिति में क्या आदिवासी को मौका मिलना चाहिए, इस पर कुलस्ते ने कहा- यह निर्णय पार्टी को लेना है।

आठ मंत्री ब्राह्मण, दो यादव मंत्री
मोदी सरकार 3.0 में मंत्रिमंडल के जरिए बीजेपी ने जातीय गणित भी साधा है। बीजेपी का कोर वोटर माने जाने वाले सामान्य वर्ग से 28 मंत्री बनाए गए। जातीय आधार पर देखें तो आठ ब्राह्मणों और तीन राजपूत नेताओं को मंत्री बनाया गया। भूमिहार, यादव, जाट, कुर्मी, मराठा, वोक्कालिगा वर्ग से मोदी सरकार में दो-दो मंत्री हैं। दो मंत्री सिख समुदाय से भी हैं जिनमें जाट और पंजाबी खत्री शामिल हैं। कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समाज के साथ ही निषाद, लोध जाति और महादलित वर्ग से भी एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है। पश्चिम बंगाल के प्रभावशाली मतुआ समाज के साथ ही अहीर, गुर्जर, खटिक, बनिया वर्ग से भी एक-एक नेता मंत्रिमंडल में जगह बनाने में सफल रहे हैं।

मोदी मंत्रिमंडल में इन राज्यों से एक-एक मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ से लेकर केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और छत्तीसगढ़ तक, कई राज्य ऐसे हैं जहां से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ से तोखन साहू, तमिलनाडु से एल मुरुगन, गोवा से श्रीपद नाइक, उत्तराखंड से अजय टम्टा, अरुणाचल प्रदेश से किरेन रिजिजू, हिमाचल प्रदेश से जेपी नड्डा को मंत्री बनाया गया है। केंद्र शासित प्रदेशों से भी मोदी सरकार में दो मंत्री बनाए गए हैं। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा और जम्मू कश्मीर से जितेंद्र सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

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