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महंगाई की मार से कराह रही पड़ोसी देश की जनता, शहबाज सरकार ने दिया एक और बड़ा, झटका

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान की जनता महंगाई की मार से कराह रही है। दाल, चावल, आटे और सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बीच शहबाज शरीफ सरकार ने देश की जनता को एक और तगड़ा झटका दे दिया है। दरअसल सरकार ने सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के दामों में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। पेट्रोल की कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा का इजाफा किया गया है। वहीं डीजल की कीमत 6.18 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम उत्पादों में कीमतों में तत्काल प्रभाव से वृद्धि की घोषणा करते हुए अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय ने बताया कि तेल की कीमतों में वैश्विक उतार-चढ़ाव के चलते यह फैसला लिया गया है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते पेट्रोल की नई कीमत 275.6 रुपये प्रति लीटर और एचएसडी की 283.63 रुपये प्रति लीटर होगी। बता दें कि एक महीने में ही सरकार की ओर से ये दूसरा बड़ा इजाफा किया गया है। इससे पहले 15 दिन पहले ही बीते 1 जुलाई 2024 को पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में 7 रुपये प्रति लीटर और हाई स्पीड डीजल की कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि फ्यूल प्रोडक्ट्स पर लगने वाले चार्ज और टैक्स में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये पहले की तरह ही लागू रहेंगे।

जनता पर बढ़ेगा बोझ
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि का असर पहले से ही महंगाई से परेशान पाकिस्तान की जनता पर पड़ेगा। इसका असर परिवहन लागत और घरेलू बजट पर भी पड़ेगा। कीमतों में वृद्धि के जरिए शहबाज सरकार की कोशिश कंगाल पाकिस्तान की वित्तीय चुनौतियों का समाधान करने और मौजूदा आर्थिक दबावों के बीज ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने की है। इस घोषणा ने व्यवसायों और उपभोक्ताओं समेत विभिन्न क्षेत्रों में ईंधन की लागत में बढ़ोतरी के संभावित प्रभाव के बारे में चिंता पैदा कर दी है। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिया है कि आर्थिक अनिश्चितताओं को प्रबंधित करने और वित्तीय संतुलन बनाए रखने के लिए ये समायोजन आवश्यक हैं।

पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल पर इतना टैक्स
गौरतलब है कि पाकिस्तान में पहले से ही बिजली की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी से लेकर आटा, दाल, चावल से लेकर सब्जी और रोजमर्रा के सामानों पर महंगाई छाई हुई है और ये आम लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। वहीं देश में सरकार एक के बाद एक ‘पेट्रोल’ बम भी फोड़ती जा रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इस ताजा बढ़ोतरी के बाद अब देश में इनके दाम 300 रुपये के बेहद करीब पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की ओर से कहा गया है कि बीते पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 4.4 डॉलर प्रति बैरल और 2 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 1.28 ट्रिलियन रुपये जुटाने के लिए फाइनेंशियल बिल में पेट्रोलियम डेवलपमेंट फीस की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 70 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। पाकिस्तान में सरकार वर्तमान में पेट्रोल और एचएसडी दोनों पर लगभग 77 रुपये प्रति लीटर टैक्स लागू करती है। सभी तरह के पेट्रोलियम उत्पादों पर सामान्य बिक्री कर जीरो है, लेकिन सरकार इनपर 60 रुपये प्रति लीटर पीडीएल लगाती है, जिसका भार आम तौर पर आम जनता पर पड़ता है। वहीं पेट्रोल एचएसडी पर करीब 17 रुपये का सीमा शुल्क भी लगा रही है।

महंगाई बढ़ाने में पेट्रोलियम उत्पादों का बड़ा रोल
गौरतलब है कि पेट्रोलियम और बिजली की कीमत महंगाई के प्रमुख चालत रहते हैं। एक ओर जहां पेट्रोल का इस्तेमाल ज्यादातर निजी परिवहन, छोटे वाहनों, रिक्शा और दोपहिया वाहनों में किया जाता है। तो वहीं दूसरी ओर, डीजल की कीमत में इजाफे से सबसे ज्यादा महंगाई बढ़ती है, क्योंकि इसका ज्यादातर इस्तेमाल भारी ट्रांसर्पोटेशन वाहनों में होता है और परिवहन लागत बढ़ने के साथ विशेष रूप से सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफा देखने को मिलता है।

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