भोपाल। मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी का मुद्दा गरमाया हुआ है। इतना ही इसकी गूंज लोकसभा तक पहुंच गई है। मप्र के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद में इस मुद्दे को उठाकर मप्र सरकार को घेरा है। बता दें कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किसान मूंग बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं। पहली परेशानी तो यह है कि पोर्टल बंद रहने के कारण किसान स्लॉट बुक नहीं कर पाने से किसान परेशान हो रहे हैं। हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए सीएम ने 5 अगस्त तक मूंग खरीदी कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं किसानों की दूसरी परेशानी यह है कि विगत वर्ष किसानों से प्रति हेक्टेअर 16 क्विंटल की खरीदी सरकार द्वारा की गई थी जिसे इस साल प्रति हेक्टेअर 8 क्विंटल कर दिया गया। किसानों द्वारा धरना, प्रदर्शन करने के बाद इसे बढ़ाकर 12 क्विंटल प्रति हेक्टेअर किया गया। इन्हीं दोनों मुद्दों को लेकर कांग्रेस मप्र सरकार को घेर रही है।
दिग्विजय सिंह ने राज्य सभा में कहा कि मध्यप्रदेश में मूंग का उत्पादन पिछले 5 साल में तेजी से बढ़ा है। सरकार किसानों द्वारा पैदा किये जाने वाले मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के माध्यम से करती है। इस साल मध्यप्रदेश में मूंग की फसल खरीदने के लिये जो पंजीयन किसानों द्वारा किये गये थे उनके लिये स्लॉट बुकिंग जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ करके अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 रखी गई थी।
अधिकतर टाइम सर्वर रहा डाउन
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकतर समय सर्वर डाउन, तकनीकी खराबी या किसी अन्य वजह से पोर्टल बंद रहा तथा अधिकांश किसान अपनी मूंग की फसल को बेचने के लिये स्लॉट बुक नही कर पाये। इसी बीच 22 जुलाई को किसानों के लिये आनलॉइन स्लॉट की बुकिंग अचानक बंद कर दी गई जिससे हजारों किसान स्लॉट बुकिंग से वंचित रह गये। जिन किसानों ने अपना स्लॉट बुक करा दिया था उनको भी या तो बारदान समाप्त होने की बात कही जा रही है या फिर उनकी फसल की तुलाई नही हो पा रही है। गोदामों के सामने हजारों ट्रेक्टर ट्रॉलियों की कतारें लगी हुई है तथा बारिश के कारण मूॅग भीगने से वे अंकुरित हो रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा में बोलते हुए यह भी आरोप लगाया कि बुधनी में उपचुनाव होने वाला है इसलिए एक दिन चार घंटे के लिए पोर्टल खोला गया।
राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप
उन्होंने कहा कि अब तक मिली जानकारी के अनुसार अभी तक कुल अनुमानित उत्पादन का 18 प्रतिशत ही उपार्जन हो सका है।परिणामस्वरूप या तो किसानों की फसल नष्ट हो रही है या फिर किसान अपनी मूंग की फसल को व्यापारियों को कम दाम पर बेचने को मजबूर है। मध्यप्रदेश में इसे लेकर किसान आंदोलित है तथा उनके द्वारा पोर्टल पर स्लॉट बुकिंग की तारीख बढ़ाने, जिनके स्लॉट बुक हो गये है उनकी फसल की तत्काल तुलाई करवाने की मांग की जा रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पूरे मामले की अनदेखी कर रही है। मैं मध्यप्रदेश के किसानों के हित में केन्द्र सरकार से मूंग खरीदी मामले में हस्तक्षेप करने तथा किसानों की समस्याओं का समाधान करने का निवेदन करता हूं।