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नेपाल में भीषण बारिश का कहर भुगत रहा बिहार, गंगा से लेकर कोसी और गंडक तक हुईं बिकराल, पटना पर भी आफत के बादल

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश नेपाल में बीते तीन दिनों से भीषण बारिश हो रही है, लेकिन इसका खामियाजा बिहार को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल भीषण बारिश और बाढ़ से तबाह नेपाल ने बारिश से जमा करीब 11 लाख क्यूसेक पानी बिहार की नदियों में छोड़ दिया है। जिसकी वजह से बिहार की तीन बड़ी नदियां कोसी, गंडक और गंगा का जल स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। यहीं नहीं गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से जहां बिहार के करीब 13 जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां पर बाढ़ से एक लाख लोग प्रभावित भी हुए हैं। वहीं कोसी और गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से उत्तर बिहार और सीमांचल के भी जलमग्न होने की आशंका है। इतना ही नहीं, नदियों का लगातार बढ़ रहे जल स्तर की वजह से पटना पर भी आफत मंडराने लगी है। हालांकि इस संकट से निपटने के लिए राज्य की नीतीश सरकार और केन्द्र सरकार एक्शन में आ गए हैं।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय एनडीआरएफ के साथ आज समीक्षा बैठक करेंगे। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ को अलर्ट रखा गया है। वहीं, राज्य सरकार ने भी अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और संबंधित उपाय करने के निर्देश दिए हैं। वहीं बिहार सरकार ने बताया कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण रविवार सुबह 5 बजे कोसी बैराज वीरपुर (नेपाल) से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। इधर, कोसी के रौद्र रूप से डरे-सहमे लोगों का रात भर तटबंध पर जमावड़ा लगा रहा। लोगों ने घर में भी रात जाग कर बितायी। दूसरी तरफ तटबंध के कई बिंदुओं पर पानी का दवाब बढ़ा हुआ है। इसकी वजह से जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारी रात भर तटबंधों की निगरानी और फ्लड फाइटिंग कार्य कराते रहे।

बढ़ते क्रम में वाटर डिस्चार्ज किया गया है
नेपाल प्रभाग स्थित कोसी बराज से शनिवार की रात 12 बजे छह लाख 17 हजार क्यूसेक बढ़ते क्रम में वाटर डिस्चार्ज किया गया है। कोसी नदी के जल ग्रहण क्षेत्र अंतर्गत बराह क्षेत्र से रात 12 बजे पांच लाख 82 हजार क्यूसेक वाटर डिस्चार्ज रिकॉर्ड हुआ है। इसके बाद सुपौल में कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसे आबादी वाले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। यहीं नहीं सोशल मीडिया पर बिहार में जलप्रलय के कई खौफनाक वीडियो सामने आ रहे हैं। कोसी बैराज पर हालात खतरनाक बने हुए हैं। कई जगह पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। लोगों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। नदी किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। कटान का खतरा देखते हुए कई इलाकों को खाली कराया जा रहा है।

’50 साल में नहीं देखा इतना पानी’
रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल बाद कोसी नदी में इतना पानी देखा जा रहा है जो उत्तर बिहार के कई जिलों को डुबा सकता है। लोगों में इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ग्राउंड जीरो पर स्थानीय लोगों ने बताया कि तकरीबन 55 सालों के बाद उन्होंने कोसी नदी में इतना पानी देखा है।

लोगों को 2008 जैसी बाढ़ की आशंका
2008 में जब कुशहा बांध टूटा था तो उस समय को लेकर लोग बताते हैं कि दो- तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और उसी ने बांध को तोड़ दिया था। इस बार नेपाल में लगातार बारिश के बाद कोसी बराज से 5।5 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है और हालात बहुत ज्यादा गंभीर है। वहीं इसको लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में उफनती कोसी, गंडक और गंगा नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है।

नेपाल में 99 की मौत, कई लोग लापता
वहीं दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से नेपाल में कम से कम 99 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। नेपाल के कुछ हिस्से शुक्रवार से भारी बारिश की वजह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे आपदा प्रबंधन अधिकारियों को अचानक बाढ़ की चेतावनी देनी पड़ी है। नेपाल में आई इस तबाही का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है

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