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जिन्हें राम पसंद नहीं, उनका कर दें राम-नाम सत्य: अमरावती में कांग्रेस पर ऐसे बरसे मप्र के सीएम

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अमरावती। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच गया है। भाजपा-कांग्रेस के तमाम दिग्गज एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को महाराष्ट्र दो चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने अमरावती जिले की मेलघाट विधानसभा के चिखलदरा और अचलपुर विधानसभा के चांदूर बाजार में चुनावी सभाओं को संबोधित कर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल बनाया। वहीं कांग्रेस और महाविकास आघाड़ी गठबंधन पर भी जोरदार वार किया।

सीएम मोहन ने कहा कि हम धर्म के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं। हम जब भी धर्म और अपनी सनातन संस्कृति की बातें करते हैं, तो कांग्रेसियों की छाती पर सांप लोटने लगता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बना और 22 जनवरी को 500 वर्षों के बाद भगवान राम की मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा हुई। इस कार्यक्रम में सारी दुनिया से लोग आए, लेकिन कांग्रेस के लोग नहीं गए। पूरा देश आनंद में था, लेकिन कांग्रेसी घरों में छुपे बैठे थे। क्योंकि इनको भगवान राम पसंद नहीं हैं, राम का नाम पसंद नहीं है। जिन लोगों को राम का पसंद नहीं है, महाराष्ट्र की जनता इस चुनाव में उनका राम नाम सत्य कर दे। हम मध्यप्रदेश में लाडली बहनों के खातों में पैसे भेजते हैं तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं को मिर्ची लगती है।

कांग्रेस के लोगों को सिर्फ घुसपैठिए पसंद
मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को तो बस बांग्लादेशी घुसपैठिए पसंद हैं। ये घुसपैठिए हमारी बहन-बेटियों को छेड़ते हैं, उनकी इज्जत लूटते हैं और जिहाद करते हैं। उनसे शादी करके ये लोग उनके घर, जमीनों पर कब्जे करना चाहते हैं। डॉ. यादव ने कहा कि इसलिए ये चुनाव सिर्फ कांग्रेस और उसके सहयोगियों को सबक सिखाने का चुनाव नहीं है, बल्कि ये अपनी संस्कृति को बचाने का चुनाव है। उन्होंने अपील की कि आने वाली 20 तारीख को आप सभी सूर्य की पहली किरण के साथ अपने बूथ पर जाएं और कमल की बटन दबाकर भाजपा को प्रचंड बहुमत से जिताएं, महायुति की सरकार बनाएं। भाजपा अपने हर चुनावी वादे को पूरा करेगी।

कांग्रेस के समय गरीबों को एक रूपए में 15 पैसे मिलते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में विकास कार्यों की नहीं भ्रष्टाचार की ही चर्चा होती रहती थी। आए दिन भ्रष्टाचार के नए मामले जनता के सामने आते थे। कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार किस तरह फैला हुआ था, यह उनके नेता व पूर्व प्रधानमंत्री ने मंच से बताते हुए कहा था कि मैं दिल्ली से गरीबों के लिए एक रूपए भेजता हूं तो गरीबों तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जीरो टॉलरेंस को लागू किया और अब दिल्ली से प्रधानमंत्री श्री मोदी जी गरीब के कल्याण के लिए एक रूपए भेजते हैं तो पूरे 100 पैसे गरीब के बैंक खाते में पहुंचते हैं। एक भी पैसे का भ्रष्टाचार नहीं होता।

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