भोपाल। राजधानी भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर में मंत्रियों और विधायकों के लिए नए आवास के लिए 29 हजार पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी गई है। दरअसल सरकार जन आंदोलन के सामने झुक गई है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्री और विधायकों के नए आवास की योजना को टाल दिया गया है। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी है।
कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया साइट पर लिखा कि नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में मौजूदा वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। साथ ही अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि भोपाल में पेड़ काटने का लगातार विरोध हो रहा था। महिलाओं ने चिपको आंदोलन चलाया था। जिसके बाद कई विधायक और मंत्री भी इसका विरोध कर चुके हैं। जिसके बाद पेड़ काटने पर रोक लगा दी गई है।
ट्वीट से काम नहीं चलेगा, आदेश निकाले सरकार
नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय के ट्वीट के बाद भी प्रदर्शन जारी रहेगा। पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ट्वीट देखा है। मौखिक तो पहले भी कई बार आश्वासन दिए जा चुके हैं। कल ही पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मौखिक कहा था, लेकिन हमें आदेश चाहिए। सरकार आदेश निकाले। इसके बाद ही हटेंगे। आज शाम को होने वाला आंदोलन यथावत रहेगा। शाम को कैंडल मार्च निकालेंगे।
मंत्री और विधायक के बंगले बनने का है प्रोजेक्ट
तुलसी नगर और शिवाजी नगर में 297 एकड़ जमीन पर विधायक और मंत्रियों के बंगले बनने का प्रस्ताव सरकार ने लाया। करीब 2400 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और विधायकों के लिए फ्लैट साथ ही करीब 3500 बंगले और फ्लैट अधिकारियों के लिए भी बनाए जाने है। इन बंगलों और फ्लैट का निर्माण करने वाले डेवलपर को 63 एकड़ लैंड पार्सल किए जाएंगे। जिन पर वह कमर्शियल और रेसिडेंशियल डेवलपमेंट कर सकेंगा।
विधायक ने कहा था- नहीं कटेंगे पेड़
14 जून को नूतन कॉलेज के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पहुंचे विधायक भगवानदास सबनानी ने भी कहा था कि भोपाल की पहचान तालाब और यहां की हरियाली है। किसी भी हाल में पेड़ नहीं कटेंगे। विधायकों के आवास ऐसे स्थानों पर बनेंगे जहां पेड़ काटने की गुंजाइश नहीं रहे। इससे पहले 13 जून को शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर की महिलाएं प्रदर्शन के दौरान पेड़ों से चिपक गई थीं। महिलाओं ने कहा कि पेड़ काटे जाते हैं तो उग्र प्रदर्शन करेंगे। फिर चाहे सरकार उन्हें जेल में ही क्यों न बंद कर दें। प्लान को सरकार मंजूर न करें।