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किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर: नोएडा में धरने पर बैठे किसान अरेस्ट, इधर, दिल्ली कूच से हरियाणा के इन किसान संगठनों ने किया किनारा, पढ़ें खबर

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नई दिल्ली। किसाना आंदोलन से जुड़ी दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। एक ओर जहां नाएडा में धरने पर बैठे करीब तीन दर्जन किसानों को गिरफ्तार कर रातो-रातों रात धरना स्थल को खाली करा लिया है। तो वहीं दूसरी ओर किसानों के दिल्ली मार्च से हरियाणा के किसान संगठनों ने ने दूरी बना ली है। इसमें सबसे बड़ा नाम संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान मजदूर यूनियन (चढूनी)और किसान सभा का है। बता दें कि किसानों ने कल 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च का ऐलान किया था। हालांकि के किसान संगठनों के इस ऐलान के बाद दिल्ली कूच पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। आॅल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि एसकेएम इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है।

दरअसल, 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों का पहला जत्था रवाना होगा। इस जत्थे में किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह शामिल होंगे। ये जत्था जरूरी सामान लेकर दिल्ली रवाना होगा और शांतिपूर्ण मार्च करेगा। पहला जत्था अंबाला के जग्गी सिटी सेंटर, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टन और हरियाणा के पिपली में रुकने के बाद दिल्ली की ओर बढ़ेगा। किसान 9 बजे सुबह से शाम 5 बजे तक चलेंगे और रात सड़क पर बिताएंगे। आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवन सिंह पंधेर करने वाले हैं। एक अम्ब्रेला के नीचे आने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान सभा इस मार्च का हिस्सा नहीं होंगे।

यह बोले गुरुनाम सिंह चढूनी
सूत्रों के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा,’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई, इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।’ इसी तरह, भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा,’हमारा संगठन एसकेएम से जुड़ा हुआ है और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन में हमारी कोई भूमिका नहीं है। 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च के आह्वान में भाग लेने की हमारी कोई योजना नहीं है।’

दिल्ली कूच को लेकर क्या है तैयारी
बता दें कि पंजाब-हरियाणा के किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि पंजाब और हरियाणा के सीमा क्षेत्र पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता 6 दिसंबर को दिल्ली के लिए मार्च करेंगे। पंढेर का कहना है कि केंद्र ने अब तक किसानों से उनके मुद्दों पर बातचीत नहीं की है। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी की मांग पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

किसान नेता बोले- इतनी तानाशाही ठीक नहीं
इधर, नोएडा में पंचायत से पहले पुलिस द्वारा किसानों पर की गई कार्रवाई से किसानों में आक्रोश है। भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी गौरव टिकैत ने नोएडा में चल रही किसानों की पंचायत में पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने कहा है- सीधे-साधे किसानों पर अत्याचार हो रहा है। इससे योगी सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा- किसानों के बच्चे युवा दिशाविहीन हो रहे हैं। दिल्ली तो नजदीक है, लेकिन क्या हमें लखनऊ की भी यात्रा करनी पड़ेगी? निर्दोष किसानों को धरने से अवैध तरीके से उठाकर जेल में ठूंस दिया है। इतनी तानाशाही ठीक नहीं। दरअसल, बुधवार शाम को सीएम योगी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अराजकता कहीं भी बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो संभल हो या ग्रेटर नोएडा। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस ने एक्शन लिया।

बुधवार को 123 किसानों को पुलिस ने छोड़ा था
बुधवार शाम को 123 किसानों को भी पुलिस ने लुक्सर जेल में छोड़ दिया। देर रात ग्रेटर नोएडा के जीरो पाइंट पर पंचायत प्रमुखों की पुलिस अफसरों से बातचीत हुई। इसके बाद पंचायत प्रमुखों ने कहा- आज धरना जीरो पाइंट पर जारी रहेगा। आज संयुक्त मोर्चे की मीटिंग के बाद निर्णय लिया जाएगा कि धरना जीरो पाइंट पर चलेगा या दलित प्रेरणा स्थल पर।

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