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काशी दौरे पर PM : गंगा आरती में शामिल होकर बोले मोदी- काशी की जनता ने मुझे किया धन्य, अब मैं यहीं का हो गया हूं

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार पीएम बनने के बाद मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने किसान सम्मेलन में भाग लेकर जहां किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त किसानों के ट्रांसफर की। वहीं उन्होंने सम्मेलन में करीब 50 हजार किसानों के साथ संवाद भी किया। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह की 30,000 से अधिक महिलाओं को कृषि सखी प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

इसके बाद पीएम मोदी गंगा आरती में शामिल हुए। दशाश्वमेध घाट पहुंचकर पीएम मोदी ने यहां योगी के साथ 15 मिनट तक गंगा आरती की। इससे पहले पीएम मोदी वाराणसी के मतदाताओं का धन्यवाद देने पहुंचे तो वाराणसी के लोगों ने भी उनका स्वागत उसी उत्साह के साथ किया। पीएम मोदी ने क्षेत्रीय भाषा में बोलते हुए कहा- चुनाव जीतने के बाद हम पहली बार बनारस आयल हई। जनता जनार्दन के हमार प्रणाम, काशी के लोगों ने हमें लगातार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। अब तो मां गंगा ने भी मुझे गोद ले लिया है। मैं यहीं का हो गया हूं।

काशी के असीम स्नेह से तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने मिला मौका
पीएम मोदी ने हर-हर महादेव से भाषण शुरू किया। चुनाव जीतने के बाद आज हम पहली बार बनारस आइल है। काशी के जनता जनार्दन के हमारा प्रणाम। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद, काशी के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। अब तो मां गंगा ने भी जैसे मुझे गोद ले लिया है। मैं यहीं का हो गया। इतनी गर्मी के बावजूद बड़ी संख्या में आप आशीर्वाद देने आए। आपकी तपस्या देखकर सूर्य देवता भी ठंडक बरसाने लग गए।

‘3 करोड़ बहनों को लखपति बनाने का कदम उठाया’
उन्होंने कहा कि थोड़ी देर पहले ही देशभर के करोड़ों किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हजार करोड़ रुपए पहुंचे हैं। आज 3 करोड़ बहनों को लखपति बनाने के तरफ भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों सुनिश्चित करेगी। आज 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है। आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। पिछले 10 वर्षों में काशी के किसानों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार (पिछले 7 साल से राज्य सरकार को मौका मिला है) ने पूरे समर्पण भाव से काम किया है।

पीएम ने कहा-माता-बहनों के बिना खेती की कल्पना संभव नहीं
पीएम ने कहा- माता-बहनों के बिना खेती की कल्पना संभव नहीं है। बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। काशी में बनास डेयरी संकुल की स्थापना हुई। काशी और पूर्वांचल के किसान मजबूत हुए हैं। बनास डेयरी ने पशु पालकों का भाग्य बदलने का काम किया। डेढ़ साल में काशी के 16 हजार पशु पालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही। दूध उत्पादकों की कमाई में वृद्धि हुई है।

पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसफर निधि बनी
पीएम ने कहा-मैंने किसान, नौजवान, नारी शक्ति को विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। इसलिए मैंने सरकार बनने के बाद सबसे पहले इन्हीं को प्राथमिकता में रखा, सरकार बनने के बाद किसानों से जुड़ा। पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसफर निधि बन चुकी है। मेरा सपना है दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न यानी फूड प्रोडक्ट होना चाहिए। बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी ऐसे अनेक उत्पाद विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं।

बनारस की जनता ने तीसरी बार पीएम चुना
उन्होंने कहा, 18वीं लोकसभा के लिए हुआ एक चुनाव भारत के लोकतंत्र की विशालता को, भारत के लोकतंत्र के सामर्थ्य को, भारत के लोकतंत्र की व्यापकता को, भारत के लोकतंत्र की जडों की गहराई को, दुनिया के सामने पूरे समर्थ के साथ प्रस्तुत करता। यूरोप और यूरोपियन यूनियन सारे मतदाताओं को जोड़ दें तो भी भारत के वोटों की संख्या ढाई गुना ज्यादा है। बनारस के सभी मतदाता का लोकतंत्र के उत्सव को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त करता। बनारस के लोगों ने तीसरी बार पीएम भी चुना है।

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