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कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे एसएम कृष्णा का निधन, लंबे समय से जूझ रहे थे उम्र संबंधी बीमारी से, रह चुके हैं कर्नाटक के सीएम और विदेश मंत्री

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बेंगलुरू। कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एसएम कृष्णा का निधन हो गया है। उन्होंने 92 साल की उम्र में आज तड़के करीब 2:45 बजे बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। सूत्रों के मुताबिक एसएम कृष्णा लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उनके पार्थिव शरीर को आज मद्दुर ले जाया जाएगा। बता दें के एसएम कृष्णा विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे हैं। उनके निधन पर आध्रप्रदेश के सीएम चन्द्रबाबू नायडू और कर्नाट सरकार में मंत्री प्रियांक खडगे और राजनीति से जुड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। यहां पर यह भी बता दें कि कृष्णा अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में यानि मार्च 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 2023 में सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

सीएम नायडू ने कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा गारू के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। हमारी दोस्ती हमारे संबंधित राज्यों में निवेश आकर्षित करने में हमारी प्रतिस्पर्धात्मक भावना से कहीं बढ़कर थी। वह एक सच्चे नेता थे, जिन्होंने हमेशा अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी। इस कठिन समय में मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। वहीं कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के निधन से बहुत दुखी हूं। उनके नेतृत्व और सार्वजनिक सेवा की विरासत ने हमारे राज्य और राष्ट्र पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने कर्नाटक की प्रगति को आकार दिया और बंगलूरू के लिए शासन के प्रति उनके कॉपोर्रेट दृष्टिकोण ने उन्हें कई लोगों का प्रिय बना दिया।

कृष्णा ने मैसूर से की थी स्नातक की पढ़ाई
एस एम कृष्णा का पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा है। उनका जन्म 1932 में हुआ था। वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृष्णा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और 23 मई 2009 विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। कृष्णा ने अपनी स्नातक की पढ़ाई मैसूर के महाराजा कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। फिर बैंगलोर के सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री ली। उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका गए। वहां से स्नातक करने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून में शिक्षण शुरू की। अमेरिका में उनकी सक्रिय राजनीति में रूचि जगी। वहां उन्होंने जॉन एफ कैनेडी के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार किया। कर्नाटक से लौटने के तुरंत बाद 1962 में उन्हें कर्नाटक विधानसभा का सदस्य चुना गया। 29 अप्रैल, 1964 को प्रेमा के साथ उनका विवाह हुआ।

राजनीतिक करियर
एसएम कृष्णा ने 1960 के आसपास अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। 1962 में उन्होंने मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता। इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए और 1968 में मांड्या लोकसभा सीट का उपचुनाव जीता। फिर एसएम कृष्णा कांग्रेस में शामिल हो गए और 1971 में मांड्या लोकसभा सीट से फिर से चुनाव जीता। 1985 में एसएम कृष्णा फिर से राज्य की राजनीति में लौटे और विधानसभा चुनाव लड़ा। वह 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। दिसंबर 2004 से मार्च 2008 तक वह महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। पीएम मनमोहन सिंह की सरकार में एसएम कृष्णा ने विदेश मंत्री का पद भी संभाला। जनवरी 2023 में एसएम कृष्णा ने घोषणा की कि वह अब सक्रिय राजनीति में नहीं रहेंगे।

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