भोपाल। मध्यप्रदेश की बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का अब कभी भी ऐलान हो सकता है। ऐसे में मप्र के राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बुधनी और विजयपुर में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। यहीं नहीं कांग्रेस ने दोनों विधानसभा सीटों के लिए कमेटियों का गठन भी कर दिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव जहां बुधनी में मोर्चा संभालेंगे। वहीं विजयपुर में राज्यसभा सांसद अशोक सिंह किला लड़ाएंगे।
बता दें कि बुधनी विधानसभा सीट जहां भाजपा का गढ़ मानी जाती है। यहां से केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार जीतते रहे हैं। सासंद बनने के बाद शिवराज ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं विजयपुर सीट पर कांग्रेस का भी दबदबा रहा है। इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर रामनिवास लगातार चुनाव जीतते आए हैं, लेकिन उनके पाला बदलने से अब यह सीट भाजपा के खाते में जा सकती है। हालांकि कांग्रेस उपचुनाव में दोनों ही सीटें जीतने के लिए ताकत झोंक रही है।
विजयपुर में अशोक सिंह को कमान
यहीं वजह है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले मप्र के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह ने दोनों विधानसभाओं के लिए नेताओं की कमेटियां बना दी हैं। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा के लिए बनाई गई कमेटी में राज्यसभा सांसद अशोक सिंह को संयोजक बनाया गया है। पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव और पूर्व विधायक नीटू सिकरवार को इसमें सदस्य बनाया गया है।
कांग्रेस की मजबूत सीट रही है विजयपुर
श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से छह बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान 30 अप्रैल को बीजेपी जॉइन कर ली थी। हालांकि उन्होंने करीब डेढ़ महीने तक इस्तीफा नहीं दिया। 8 जुलाई को रामनिवास रावत ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। अब विजयपुर में होने वाले उपचुनाव में रामनिवास का भाजपा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। यह सीट कांग्रेस के प्रभाव वाली रही है। लिहाजा कांग्रेस दलबदल के बाद भी यहां जीत को बरकरार रखने में जुटी है।
बुधनी में मोर्चा संभालेंगे अरुण यादव
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई बुधनी विधानसभा में उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अरुण यादव को संयोजक बनाया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को इस समिति में सदस्य बनाया है। बुधनी विधानसभा में कांग्रेस के सामने एक मजबूत टिकाऊ चेहरा खोजना सबसे बड़ी चुनौती है। शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाली बुधनी में कांग्रेस के पास फिलहाल कोई मजबूत चेहरा नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस यहां दमदार और असरदार उम्मीदवार खोज रही है।