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इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट: विजयवर्गीय बोले- मेट्रो के नाम पर शहर का नहीं होने देंगे अहित, जिम्मेदार एक महीने में दें रिपोर्ट

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इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का जोरों पर चल रहा है। इंदौर में मेट्रो ट्रेन रुट का 20 किलोमीटर हिस्से में काम चल रहा है , लेकिन प्रोजेक्ट को लेकर शिकायतें भी तेजी से बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा शिकायतें मार्ग बदलाव को लेकर आ रही है। जिसको लेकर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और नगरीय निकाय विभाग ने आज बड़ी बैठक की। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, मेयर पुष्य मित्र भार्गव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

बैठक में विजयवर्गीय ने कहा कि मेट्रो के पुराने रुट से जनप्रतिधि और शहरवासी खुश नहीं है,लेकिन अब 30-40 प्रतिशत काम हो चुका हैै। जो नए विकल्प अंडरग्राउंड रुट को लेकर बैठक में सुझाए गए है। उनका फिजिबिलिटी सर्वे होगा। अफसरों को एक माह में रिपोर्ट देना होगी। विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर शहर का मेट्रो के नाम पर अहित नहीं होने देंगे। इस दौरान नगर निगम जिला प्रशासन के अलावा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी सहित कई आयुक्त स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। इस पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया है।

बैठक में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो संचालन पर भी हुई चर्चा
विजयवर्गीय ने कहा कि अभी एमजी रोड पर नाथ मंदिर से मेट्रो अंडरग्राउंड हो रही है। बंगाली चौराहे से भी मेट्रो को अंडरग्राउंड करने का सुझाव आया है। इसके अलावा मेट्रो रुट को कृषि कॉलेज से रीगल तक ले जाने का सुझाव भी आया है। बैठक में इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन की चर्चा हुई। विजयवर्गीय ने कहा कि सिंहस्थ के लिए इंदौर से उज्जैन के बीच रेल विभाग एक शटल ट्रेन चला रहा है। इंदौर से उज्जैन के बीच मेट्रो के संचालन पर फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव से चर्चा के बाद होगा। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की थी।

यह बोलीं ताई
वहीं बैठक में मौजूद पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मेट्रो के लिए जहां सुपर कॉरिडोर खुला मिला अब वहां भी मेट्रो के विकास में समय लग रहा है। फिर शहर में जहां बाधाएं है वहां कितना टाइम लगेगा यह कल्पना कर सकते है। उन्होंने कहा कि पहले मेट्रो का अंडरग्राउंड स्टेशन राजवाड़ा के पास बनाया जा रहा था। इससे राजवाड़ा को नुकसान हो सकता था। मैने इस बाद पर आपत्ति ली थी। इसके बाद बदलाव हुए। अंडरग्राउंड मेट्रो के काम के दौरान होने वाली दिक्कतों का मुद्दा भी उन्होंने उठाया।

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