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इंदौर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुआ ऐतिहासिक कार्यक्रम: सीएम का ऐलान, मप्र के हर विकासखंड का एक गांव बरसाना के रूप में लेगा आकार

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव की मंशानुरूप इस साल मप्र में हर त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन का पर्व बीतने के बाद अब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम शुरू हो गई है। इसी कड़ी में रविवार को इंदौर में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर “हर बालक कृष्ण-हर मां यशोदा” की थीम पर देश में अपने तरह के पहला और अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शिरकत की। यही नहीं सीएम ने मौजूद बाल-गोपालों और यशोदा माताओं का पुष्प-वर्षा कर अभिनंदन किया। बताया जा रहा है कि इस अनूठे कार्यक्रम में 5 हजार से अधिक बच्चे बाल-गोपाल और इतनी ही माताएं मैया यशोदा के रूप में मौजूद थी। महोत्सव में मटकी फोड़ का कार्यक्रम भी हुआ। उन्होंने बाल-गोपालों को प्रसाद के रूप में माखन-मिश्री भी खिलाई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने ऐलान किया कि मप्र के के सभी विकासखण्डों में एक गांव को चयनित कर बरसाना गांव के रूप में विकसित किया जायेगा। इन गांवों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और सिद्धांतों का प्रसार जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। बरसाना गांव में जहां एक ओर प्राचीन संस्कृति को पुष्पित और पल्लवित किया जायेगा वहीं दूसरी ओर जैविक खेती और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा। इन गांवों में विकास की नई दिशा तय की जायेगी। ग्रामीणों में मानवता, सामाजिक, सांस्कृतिक एकता के जन जागरण का प्रसार कर एक ऐसा समाज तैयार किया जायेगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श और सिद्धांत दिखाई दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर एक नगरीय निकाय में गीता भवन केन्द्र भी स्थापित किये जाएंगे।

श्रीकृष्ण् से जुड़ी लीलाओं को विस्तार से बताया सीएम ने
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र और उनसे जुड़ी लीलाओं और प्रसंगों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र से सीख लेकर हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण कोमलता, धैर्य, करूणा और प्रेम की प्रतिमूर्ति है। वे मानव जाति की रक्षा के प्रतीक भी हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में मानव जाति के कल्याण और धर्म की स्थापना के लिये अनेक लीलाएं भी की हैं। उन्होंने प्रकृति से प्रेम करना सिखाया है। ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा दिया है। माखन, दूध, दही को स्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रतिष्ठित किया है। उनका जीवन ग्रामीण संस्कृति को प्रोत्साहन देने का काम कर रहा है।

मां यशोद ममत्व की प्रतिमूर्ति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये हमने हर विकासखण्ड के एक गांव को चयनित कर ‘बरसाना’ गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन केन्द्र भी स्थापित किये जाएंगे। उन्होंने आह्वान किया कि ‘हर बालक कृष्ण-हर माता यशोदा’ के रूप में अपना जीवन बनायें। मां यशोदा ममत्व की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब हर तीज, त्यौहार और पर्व पूर्ण हर्षोल्लास और उत्साह के साथ आयोजित किये जाएंगे। समाज का हर वर्ग सभी तीज, त्यौहार और पर्व आनंद और उत्साह के साथ मनायें।

मुख्यमंत्री ने गाया भजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित भजन “गोविंदा आला-रे-आला, जरा मटकी संभाल बृजबाला” सुनाया। इस भजन पर उपस्थित श्रोताओं ने स्वर से स्वर मिलाकर पूरे कार्यक्रम को धर्ममय कर दिया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध बांसुरी वादक बल्लू जी के बांसुरी वादन ने और माधवास बैंड की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में आलौकिक अनुभूति कराई। उन्होंने “हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से पूरे कार्यक्रम स्थल को उपस्थित बाल-गोपालों और यशोदा माताओं के स्वर के साथ गुंजायमान कर दिया।

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