नई दिल्ली। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ के बाद से लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। अब उन्होंने भारत विरोधी बांग्लादेश की मोहम्मद युनूस सरकार पर भी चाबुक चला दिया है। दरअसल ट्रंप ने बांग्लादेश की हर तरह की मदद को बंद करने का ऐलान कर दिया है। यही नहीं, उन्होंने बांग्लादेश में अपनी सभी परियोजनाओं को बंद करने की बात कही है। ट्रंप के इन फैसलों से पड़ोसी देश अब पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाएगा। बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से अर्थव्यवस्था लगातार बदतर होती जा रही है। लोग बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को बांग्लादेश को दी जाने वाली सभी तरह की मदद पर रोक लगाने का फैसला लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद यूएसएआईडी ने बांग्लादेश में अपने सभी काम रोक दिए हैं। शनिवार, 25 जनवरी को जारी एक पत्र में यूएसएआईडी ने अपने सहयोगियों को सभी अनुबंध, अनुदान और सहायता कार्यक्रम तुरंत बंद करने के लिए कहा। ऐसे में ये फैसला बांग्लादेश केलिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसा इसलिए कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में अमेरिकी निवेश हमेशा अहम रहा है। अमेरिकी कंपनियों ने बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इसके चलते बांग्लादेश में लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार भी मिले हैं। 2020 में बांग्लादेश के वस्त्र निर्यात का लगभग 20% हिस्सा अमेरिका को गया था।
बांग्लादेश में कितना है अमेरिका का निवेश
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 तक बांग्लादेश में अमेरिका का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगभग 3 बिलियन डॉलर था। अमेरिकी कंपनियां बांग्लादेश के कपड़ा, ऊर्जा, कृषि, और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रमुख निवेशक हैं। अमेरिका के प्रमुख निवेश क्षेत्रों में वस्त्र उद्योग सबसे प्रमुख है, क्योंकि बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र निर्यातक देश है और अमेरिका इसके सबसे बड़े बाजारों में से एक है। अमेरिका की कंपनियों का बांग्लादेश के ऊर्जा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवाओं में भी बड़ा निवेश है। अमेरिकी कंपनियों का निवेश बांग्लादेश के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
अमेरिका के बांग्लादेश से हाथ खींचने से क्या होगा
अगर अमेरिका बांग्लादेश से अपने निवेश को कम करता है या हाथ खींचता है तो इसका बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा। बांग्लादेश में अमेरिकी कंपनियों का निवेश केवल वित्तीय लिहाज से ही अहम नहीं है बल्कि यह तकनीकी और अनुसंधान में भी मददगार है। बांग्लादेश में ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी निवेश ने सस्ते और टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों की ओर कदम बढ़ाने में मदद की है। यदि यह निवेश घटता है, तो बांग्लादेश के लिए ऊर्जा संकट और बढ़ सकता है।
पहले से ही बांग्लादेश में कई मोर्चों पर संकट
बांग्लादेश की हालिया घटनाओं को देखते हुए कई एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है कि बांग्लादेश का आर्थिक मॉडल बुरी तरह फेल हो गया है। महंगाई दर 10% के करीब पहुंच गई है। अमेरिकी मदद बंद होने से बांग्लादेश की मुसीबत और ज्यादा बढ़ सकती हैं। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से नुकसान हो रहा है। शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद से 10 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो चुके हैं। कई उद्योग भी ठप हुए हैं। ऐसे में अमेरिका के इस फैसले से बांग्लादेश की स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है।