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सीएम बोले- देश के खिलाड़ियों ने अपने पराक्रम से विश्व में बनाई पहचान, गोटेगांव को दी 135 करोड़ के विकास कार्यो की सौगात

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गोटेगांव। मुख्यमंत्री मोहन यादव गुरुवार को गोटेगांव के दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने आॅल इंडिया प्रो- कबड्डी टूर्नामेंट कार्यक्रम में शामिल हुए। टूर्नामेंट सहयोग क्रीड़ा मंडल द्वारा आयोजित किया गया। सीएम ने क्रीड़ा मंडल को 11 लाख रुपए की सहयोग राशि देने की घोषणा की। कार्यक्रम में सांसद दर्शन सिंह, विधायकवश्वनाथ सिंह पटेल, महेन्द्र नागेश, सहयोग क्रीड़ा मंडल के संस्थापक सदस्य मुलाम सिंह पटेल मौजूद थे। सीएम ने गोटेगांव में 135 करोड़ के 39 कार्यो का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। इनमें 22 करोड़ 85 लाख रुपए के 19 निर्माण कार्यो का लोकार्पण और 112 करोड़ 33 लाख रुपए के 20 निर्माण कार्यो का भूमि-पूजन शामिल है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि देश के खिलाड़ियों ने बल, पराक्रम, कौशल एवं बुद्धि से पूरे विश्व में पहचान बनाई है। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया है। प्रत्येक आयोजन में कबड्डी एवं कुश्ती के खिलाड़ियों ने निश्चित रूप से पदक प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय युवाओं का समय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खिलाड़ियों एवं खेल विधाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नवीन शिक्षा नीति में खेलों को विषय के रूप में शामिल किया गया है। साथ ही जन शिक्षकों की भर्ती की गई है।

कबड्डी लीग का भी किया जाएगा आयोजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समिति के प्रयासों से अनेकों देश- प्रदेश स्तर के खिलाड़ी बने हैं। कबड्डी का ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है, जो गोटेगांव से खेलकर न गया हो। उन्होंने समिति द्वारा किये जा रहे खेलों के साथ ही समाज सेवा के कार्यों को भी सराहा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंच से 11 लाख रुपये की राशि समिति को देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी समय में परंपरागत खेलों को प्रोत्साहित करने के तारतम्य में कबड्डी लीग भी कराया जायेगा।

कबड्डी खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया
सीएम कहा कि ने कबड्डी के खिलाड़ियों एवं प्रशंसकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कबड्डी एकमात्र ऐसा खेल है, जिसमें भारतीय दर्शन परिलक्षित होता है। कबड्डी के प्राणायाम व व्यायाम से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा महाभारत के चक्रव्यूह की संरचना की तरह इस खेल के मैदान में खिलाड़ी के पराक्रम और स्फूर्ति का अद्भुत समन्वय का अहसास होता है। बदलते दौर में अब अन्य देश भी कबड्डी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। कबड्डी के खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया है। परंपरागत खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार भरसक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि माटी में खेलने का आनंद कुछ और ही है। कबड्डी जैसे खेलों को विदेशों में आत्मीयता से अपना रहे हैं।

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