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सिंहस्थ मप्र का महत्वपूर्ण आयोजन: सीएम के निर्देश- भक्तों को न हो कोई परेशानी, अभी से शुरू करें माइक्रो प्लानिंग

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भोपाल। धार्मिक नगरी उज्जैन में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव अभी से सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को सीएम हाउस में बड़ी बैठक कर अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सीएस अनुराग जैन, एससीएस सीएमओ डॉ. राजेश राजौरा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सिंहस्थ – 2028 मध्यप्रदेश का अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। लाखों-करोड़ों श्रद्धालु सिंहस्थ के दौरान उज्जैन आएंगे। किसी भी श्रद्धालु को स्नान व देव दर्शन में कोई कठिनाई हो, इसके लिए व्यापक प्रबंध किए जाएं। पुराने सिंहस्थ आयोजन से सीख लें और आगामी सिंहस्थ के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए अभी से माइक्रो प्लानिंग कर व्यवस्थाओं को अंजाम देना प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए बेहतर से बेहतर प्लानिंग अमल में लाई जाए। विशेष ध्यान रहे कि कार्यों में विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन शहर पहुंचने वाले 7 प्रमुख मार्गों को फोरलेन और एक प्रमुख मार्ग सिक्स लेन रोड के रूप में मंजूरी दे दी गई है। इस पर तेजी से काम प्रारंभ किया जाए, ताकि समय रहते सभी मार्ग तैयार हो जाएं।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के हिसाब से की जाएं सिंहस्थ की तैयारियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बेहतर यह होगा कि सिंहस्थ की व्यवस्थाओं और प्रबंधन से जुड़े सभी कार्य जून 2027 के पहले ही पूरे कर लिए जाएं। इससे रह गई कमोबेशी को दुरुस्त करने या व्यवस्थाओं को और भी अधिक बेहतर करने का समय भी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। मंजूर किए गए सभी काम प्रारंभ हो जाएं और तय समय-सीमा में ही पूरे किए जाएं। सीएम ने कहा कि श्री महाकाल लोक बनने के बाद प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की दिनों-दिन बढ़ती संख्या के हिसाब से ही सिंहस्थ की तैयारी की जाए, क्योंकि जो श्रद्धालु सिंहस्थ में आएंगे, वे बाबा महाकाल सहित अन्य देव स्थलों पर भी अवश्य ही जाएंगे। भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रयास यह हो कि श्रद्धालुओं को ई-बस या ई-आॅटो से महाकाल मंदिर के नजदीक ही छोड़ा जाए, ताकि उन्हें महाकाल दर्शन के लिए अधिक पैदल न चलना पड़े और प्रबन्धन में भी आसानी हो।

सिंहस्थ से पहले अंदर की गलियों का भी चौड़ीकरण करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन शहर में आएंगे। बड़े मार्गों के अलावा उज्जैन शहर की अंदरूनी गलियों व रास्तों का भी और अधिक चौड़ीकरण करें ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन का वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध रहे और वे आसानी से आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर में क्षिप्रा नदी व शहर के अंदर सिंहस्थ के लिए जितने भी सेतु निर्माण कार्य जरूरी हैं, वे अभी से प्रारंभ कर लिए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान उज्जैन शहर के सभी छोटे-बड़े मंदिरों में भी श्रद्धालुओं के देवदर्शन के लिए समुचित व्यवस्थाएं की जाए। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो रूद्र सागर में भी घाट बनाने पर विचार कर प्रारंभिक सर्वे भी कर लें।

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