भोपाल। राजधानी भोपाल में आयोजित हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतिम दिन केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिरकत की। जहां उन्होंने जीआईएस में सीड टू सेल्फ इन लांचिंग इन्वेस्टमेंट अपार्चुनिटी इन एमपी एग्री फूड एंड डेयरी सेक्टर पर आयोजित सेशन को संबोधित किया। शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। मप्र निवेश के लिये आवश्यक अधोसंरचना के साथ एक लाख हैक्टेयर का लैण्ड बैंक रखने वाला देश का पहला राज्य है। यहां पर जैविक खेती की अपार संभावनाएं हैं। इस दौरान शिवराज ने निवेशकों से देश की हृदयस्थली मप्र में निवेश करने और विकसित भारत की अद्वितीय यात्रा में सहभागी बनने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के अंतर्गत टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूं और चावल उत्पादन में देश अग्रणी है। उन्होंने कहा कि कृषि-उद्यानिकी उत्पादन की प्रचुर मात्रा में उत्पादन से किसान को फसल का भरपूर दाम नहीं मिल पाता है। इसलिये आवश्यक है कि प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाये। इससे फसलों का वैल्यू एडीशन होगा। किसान और उत्पादक इकाई, दोनों लाभान्वित होंगे। इसी तरह भारत पूरी दुनिया में फूड प्रोसेसिंग के लिये वर्ल्ड लीडर बन सकता है।
फसलों का उत्पादन बढ़ाने नई किस्में विकसित कर रहा मंत्रालय
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिये बीज और पौध की नई किस्म विकसित करवा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के कृषि उत्पादन को विदेशों में बेहतर मांग मिल सके, इसके लिये भारत सरकार द्वारा चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी है। साथ ही आॅइल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दी है। इसका लाभ देश की फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को मिलेगा। उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया।
फूड प्रोसेसिंग कमिश्नर ने प्रस्तुत किया प्रेजेंटेशन
फूड प्रोसेसिंग कमिश्नर प्रीति मैथिल ने मध्यप्रदेश में उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण के संबंध में उपलब्ध संसाधनों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वह सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं, जिनकी आवश्यकता नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिये होती है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश मसाला फसलों के उत्पादन में देश में प्रथम, फल उत्पादन में द्वितीय और दुग्ध उत्पादन में तृतीय स्थान पर है। प्रदेश में 11 एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं। परिवहन के लिये 700 रेलवे स्टेशन, 60 फ्लाइट्स तथा 9 इनलैण्ड पोर्ट स्थित हैं। मध्यप्रदेश में कृषि विपणन के लिये कृषि उपज मण्डियों की सुदृढ़ श्रंखला है। इनमें एक लाख करोड़ मीट्रिक टन कृषि उत्पादन का विक्रय प्रतिवर्ष किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 4 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट कार्य कर रही हैं।