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मऊगंज में बवाल: आदिवासियों ने ली युवक की जान, हमले में ASI की भी मौत, TI गंभीर जख्मी, तहसीलदार के तोड़े हाथ-पैर

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मऊगंज। विंध्य क्षेत्र के मऊगंज जिले में शनिवार को जमकर बवाल हुआ है। घटना जिले के शाहपुरा थाना क्षेत्र के गड़रा गांव की है। यहां पर आदिवासी परिवार ने एक युवक को बंधक बनाया लिया। उसके साथ जमकर मारपीट की गई। सूचना पर उसे बचाने पहुंची पुलिस टीम पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। इस हमले में हमले में एएसआई की मौत हो गई। तहसीलदार के हाथ-पैर तोड़ दिए। टीआई समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हैं। साथ ही बंधक बनाए गए युवक सनी भी आदिवासियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी है।

हमले में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। टीआई संदीप भारती के सिर पर गंभीर चोट आई है। वहीं, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हैं। इनके अलावा 8 और पुलिसकर्मी घायल हैं। इनमें अनंत मिश्रा, एएसआई बृहस्पति पटेल, एसडीओपी अंकित सुल्या और एएसआई जवाहर सिंह यादव भी घायल हुए हैं। सभी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतक एएसआई रामचरण गौतम, 25वीं बटालियन भोपाल में थे। वे सतना के कोठी थाना इलाके के पवैया गांव के रहने वाले थे। 8 महीने बाद उनका रिटायरमेंट था।

गांव में लगी धारा 163
गांव में धारा 163 (आपातकालीन स्थिति में) लगाई गई है। यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात है। दरअसल, शाहरपुरा के गड़रा गांव में आदिवासी परिवार ने कल यानी शनिवार को एक युवक को बंधक बना लिया था। उसे छुड़ाने पहुंचे टीआई संदीप भारती और पुलिस टीम पर आरोपियों ने हमला कर दिया। उधर, बवाल के बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने गड़रा गांव में धारा 163 लागू कर दी है। साथ ही सीधी और रीवा से बड़ी संख्या में पुलिस बल बुलाकर गांव में तैनात किया गया है। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में भी लिया है।

क्यों की गई युवक की हत्या?
शनिवार रात को मऊगंज में हुए विवाद का असली कारण दो महीने पहले हुआ एक सड़क हादसा है। इस हादसे में अशोक कुमार आदिवासी की मौत हो गई थी। आदिवासी परिवार का आरोप था कि अशोक की हत्या की गई, उन्होंने इसका आरोप सनी द्विवेदी पर लगाया था। लेकिन, पुलिस ने जांच के बाद सनी को क्लीनचिट दे दी। लेकिन, आदिवासी परिवार इससे संतुष्ट नहीं था। वह अशोक की मौत का जिम्मेदार सनी द्विवेदी को मान रहे थे। इसी के चलते शनिवार को आदिवासियों के एक जुट ने सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर एक कमरे में बंद कर लिया। उसके साथ जमकर मारपीट की गई, जिससे उसकी मौत हो गई।

तहसीलदार को बेरहमी से पीटा, एसडीओपी को बनाया बंधक
आदिवासियों की उग्र भीड़ ने तहसीलदार कुमारे लाल पनिका को घेर लिया और उनके साथ बेरहमी से मारपीट की। मारपीट में उनके दोनों हाथ और दोनों पैर फैक्चर हो गए और सिर भी फट गया। उनकी हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। उधर, हमले के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने पहुंचे एसडीओपी अंकित सुल्या को भी ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम फायरिंग करते हुए अंदर घुसी और एसडीओपी को कमरे से बाहर निकालकर लाई। साथ युवक सनी द्विवेदी का भी शव लेकर आई।

एसडीओपी और एसआई ने कमरे में बंद होकर बचाई जान
एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने खुद को गांव में ही एक कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद भारी पुलिस फोर्स पहुंचा। फायरिंग करते हुए पुलिस अंदर घुसी और बंधक बनी एसआई-एसडीओपी को बाहर लाई। सनी द्विवेदी के शव को भी बाहर लाया गया।

जमीन विवाद से हुई थी इस पूरे मामले की शुरूआत
स्थानीय लोगों ने बताया कि रजनीश द्विवेदी की गड़रा गांव में जमीन है। गांव का ही रहने वाला अशोक कोल (आदिवासी) उनके यहां अधिया पर काम करता था। कुछ दिन पहले अशोक ने इसी जमीन से लगी भूमि को खरीद लिया था। लोगों का कहना है कि सनी और उसके परिवार वालों को यह बात अच्छी नहीं लगी। करीब दो महीने पहले अशोक रजिस्ट्री करवाने के लिए हनुमना गया था। बाइक से लौटते वक्त सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। परिवार वालों का आरोप था कि सनी ने उसकी हत्या की है।

शनिवार दोपहर को आरोपियों ने सनी को पकड़ा था
लोगों का कहना है कि दोपहर करीब 1:30 बजे सनी घूमते हुए आरोपियों के मोहल्ले में चला गया था। इसी दौरान अशोक के परिवार वालों ने उसे पकड़कर बंधक बना लिया। मारपीट भी की। इससे उसकी मौत हो गई। कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। आसपास के गांव के आदिवासी समाज के करीब 250 लोग इकट्?ठा हो गए। पुलिस पहुंची तो उस पर हमला कर दिया।

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