भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास से मिले करोड़ों रुपये के सोना चांदी और कैश के बाद से मप्र की सियासत गरमाई हुई है। इस मुद्दे को लेकर मप्र कांग्रेस के नेता हर दिन भाजपा सरकार पर नए -नए आरोप लगा रहे हैं। इन सबके बीच पीसीसी चीफ पटवारी ने एक और बड़ा आरो लगा दिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की हत्या हो सकती है। जीतू के आरोप पर भाजपा ने पलटवार भी किया है।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सौरभ शर्मा जब आएगा तो जहां कई लोगों चेहरे बेनकाब होंगे वहीं कई राज खुलकर सामने आएंगे। यही राजदार उसकी हत्या करवा सकते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि उसकी गिरफ्तारी कर उसे सुरक्षा दे और भ्रष्टाचार का सच सामने लाए। सौरभ शर्मा के वकील भी उनके एनकाउंटर की आशंका जता चुके हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि यह लूट के पैसे की लड़ाई है। जिन लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई, वे सभी लूटपाट कर रहे हैं और एक से डेढ़ करोड़ तक की अवैध कमाई कर रहे हैं।
एक आरक्षक के पास इतना पैसा कभी नहीं हो सकता
जीतू पटवारी ने कहा कि एक आरक्षक के पास इतना पैसा कभी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल जो परिवहन मंत्री रहे और अधिकारी रहे ये उनका पैसा है। सरकार ने सौरभ शर्मा को बचाने के लिए लोकायुक्त के जरिए सबूत मिटवाए। पीसीसी चीफ ने कहा कि लोकायुक्त ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में भ्रष्टाचारी चेहरा कैसा होता है, यह दिखने लगा है। जनता को साफ हो गया है कि यह करप्शन, क्राइम, कर्ज और कमीशन की सरकार है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा की हत्या हो सकती है, यह बात मैं पहले भी कह चुका हूं, जब सौरभ के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। अब फिर इस आशंका को दोहरा रहा हूं।
भाजपा बोली- जिसकी जैसी दृष्टि
जीतू पटवारी के आरोपों पर भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा, जिसकी जैसी दृष्टि होती है वह इस तरह की बात करता है। राज्य और केंद्र की एजेंसी पूरे मामले में जांच कर रही है। सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। कांग्रेस नेताओं को नेता और अधिकारियों की छवि खराब करने की आदत पड़ गई है। उनके समय में इस तरह का भ्रष्टाचार होता होगा, यहां नहीं होता है। यहां तो जो भ्रष्टाचार करते हैं वह सलाखों के पीछे होते हैं। जीतू पटवारी के पास यदि नेता अधिकारियों के संलिप्त के कोई दस्तावेज हैं तो एजेंसी के सामने रखें केवल मीडिया में बयानबाजी ना करें।