खजुराहो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मप्र को बड़ी सौगात दी। एक ओर पीएम मोदी ने जहां 44 हजार करोड़ की महत्वाकांक्षी और बहुउद्देश्यीय केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट की नींव रखी। वहीं दूसरी ओर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन भी वर्चुअली उद्घाटन किया। कार्यक्रम में भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिजारी वाजपेयी की 100 जयंती पर उनके जीवन आधारित एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। और अटलजी पर डाक टिकट भी जारी किया गया। पीएम ने संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को लेकर लेफ्ट और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बुंदेलखंडी और राम-राम से की और और फिर ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की बधाई दी। उन्होंने कहा- वीरों की धरती ई बुंदेलखंड पर रहवे वारे सभी जनन को हमाई तरफ से हाथ जोड़के राम-राम पहुंचे।पीएम मोदी ने मप्र के लोगों को मोहन यादव सरकार के एक साल पूरे होने की बधाई भी दी। साथ ही सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि एमपी को एक वर्ष में विकास की रफ्तार मिली है।
पीएम ने अंबेडकर-अटलजी का किया जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. भीम राव अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा, “देश में पानी से जुड़ी योजनाओं का क्रेडिट अंबेडकर को जाता है, लेकिन कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब को इसका श्रेय नहीं दिया, लोगों को पता भी नहीं चलने दिया।” उन्होंने कहा कि आज देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास हुआ है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ भी हुआ है। यह प्रदेश का पहला इस प्रकार का प्लांट है। आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी की100वीं जयंती है। आज सुशासन की और हमारी सुप्रेरणा का दिन है। देश के विकास में अटलजी का योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा। उन्होंने मुझ जैसे कई कार्यकर्ताओं को सिखाया है। देश के विकास में अटलजी का योगदान हमारे स्मृति पटल पर अटल रहेगा।”आज मध्य प्रदेश के 1153 नवीन अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण की आधारशिला रखी गई, इसके लिए पहली किस्त भी जारी हो चुकी है।
एक व्यक्ति के लिए भुला दिया गया सच्चे सेवक को
पीएम ने कहा, भारत में जो बड़ी नदी परियोजनाएं बनीं, इनके पीछे डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है इसके पीछे भी डॉ. अंबेडकर के ही प्रयास थे, लेकिन पानी के लिए दूरदर्शी आयोजन पर सोचने का क्रेडिट एक ही व्यक्ति ( जवाहर लाल नेहरू) को देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। किसी को पता भी नहीं चलने दिया। हालांकि पीएम ने इस दौरान नेहरू का नाम नहीं लिया।
इन सबका क्रेडिट जाता है संविधान निर्माता को
उन्होंने कहा कि देश आजाद होने के बाद भारत की जल शक्ति, भारत के जल संसाधन, भारत में पानी के लिए बांधों की रचना, इसका क्रेडिट किसी एक महापुरुष को जाता है तो उनका नाम है बाबा साहब आंबेडकर। भारत में जो बड़ी नदी परियोजनाएं बनीं, इनके पीछे डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर का ही विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है, इसके पीछे भी डॉ. आंबेडकर के ही प्रयास थे, लेकिन कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण के प्रयासों और बांधों के लिए बाबा साहेब को क्रेडिट नहीं दिया। लोगों को पता तक नहीं चलने दिया।
लेफ्ट और कांग्रेस पर हमला, सुशासन का भरोसा प्रबल
पीएम मोदी ने कहा- देश की जनता ने तीसरी बार लगातार केंद्र में भाजपा सरकार बनाई है। इसके पीछे सुशासन का भरोसा ही सबसे प्रबल है। जहां लेफ्ट, कांग्रेस और मिलीजुली सरकारें चलीं, वहां क्या हुआ और जहां भाजपा की सरकारें थीं, इन सबके सुशासन का मूल्यांकन किया जाए। इससे आपको पता चल जाएगा कि हम कितने समर्पित हैं। आजादी के दीवानों के सपनों को हम अपने पसीने से सींच रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ कितना पहुंचा, यही सुशासन का पैमाना है। पहले कांग्रेस सरकारें केवल फीता काटने, शिलापट्ट लगवा देने पर ध्यान देती थीं, फिर कोई पलट कर नहीं देखता था। कांग्रेस की सरकारों की नीयत ठीक नहीं थी।
यही हमारे सुशासन का मंत्र
पीएम मोदी ने कहा- आज देशभर में पीएम किसान योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्हें सालभर में 12 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है। जरूरतमंदों और गरीबों को मुफ्त राशन मिल रहा है। देश में तकनीक के इस्तेमाल से एक राशन कार्य लागू किया गया। अपने हक के लिए नागरिकों को किसी के सामने हाथ न फैलाने पड़े, यही सुशासन है। यही हमारे सुशासन का मंत्र है, जो भाजपा सरकार को दूसरों से अलग करता है। आज लोग इसे देख रहे हैं और बार-बार भाजपा सरकार को चुन रहे हैं।
गवर्नेंस से कांग्रेस का 36 का आंकड़ा
उन्होंने कहा- देश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। कांग्रेस गर्वनमेंट को अपना अधिकार समझती हैं। लेकिन, गवर्नेंस से उसका 36 का आंकड़ा रहा है। कांग्रेस की सरकारों ने कभी बुंदेलखंड में सूखे की समस्या को दूर करने का कोई स्थाई समाधान नहीं खोजा।
21वीं सदी में जल सुरक्षा सबसे अहम
पीएम मोदी ने कहा- आजादी के 75 साल बाद भी पानी को लेकर कुछ न कुछ विवाद है। कांग्रेस की नीयत खराब थी, उसने कभी इन्हें दूर करने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस ने अटलजी की कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया। ये केन-बेतवा लिंक परियोजना भी उन्हीं के विजन का परिणाम है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 और उत्तर प्रदेश के 4 जिलों को सिंचाई और स्वच्छ पेयजल का लाभ मिलेगा। 21वीं सदी में जल सुरक्षा सबसे अहम है। इस सदी में वही आगे बढ़ पाएगा, जिसके पास पर्याप्त पानी होगा। पानी से ही फसलें और उद्योग धंधे आगे बढ़ेंगे।
12 करोड़ परिवारों तक नल से जल पहुंचाया
पीएम ने कहा- मध्य प्रदेश से निकली मां नर्मदा ने गुजरात का भाग्य बदल दिया। मैंने बुंदेलखंड के लोगों से वादा किया था कि आपकी परेशानी दूर करने के लिए कार्य करूंगा। हमने 45 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं बनाई थीं। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों को परियोजना के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। पहले की सरकारों में पानी से जुड़ी जिम्मेदारियां अलग-अलग विभागों में बंटी हुई थीं, लेकिन हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाकर राष्ट्रीय जल संरक्षण मिशन शुरू किया। 5 साल में 12 करोड़ परिवारों तक नल से जल पहुंचाया है। जल जीवन मिशन के तहत पेयजल को टेस्ट करने के लिए 2000 लैब बनाई गई हैं। गांवों में 25 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
अटल भूजल अभियान चलाया जा रहा
पीएम मोदी ने कहा- मध्य प्रदेश में पिछले 10 साल में 5 लाख हेक्टेयर भूमि को माइक्रो इरीगेशन से जोड़ा गया है। देशभर में 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए गए हैं। मध्य प्रदेश समेत जिन राज्यों में भूजल स्तर कम था, वहां अटल भूजल अभियान चलाया जा रहा है। पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के पर्यटन की भी तरीफ की। उन्होंने कहा- मैं खजुराहो आऊं और पर्यटन की चर्चा न हो, क्या ऐसा हो सकता है। पर्यटन से प्रदेश के युवाओं को लाभ मिलेगा, रोजगार के अवसर विकसित होंगे। एक अमेरिकी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश को दुनिया की 10 सबसे सुंदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल किया गया है। खजुराहो में आस्था और इतिहास की कई धरोहर हैं।
मध्य प्रदेश देश की टॉप इकोनॉमी में से एक होगा
पीएम मोदी ने कहा- सांची और अन्य बौध स्तंभों को बौध सर्टिक से जोड़ा गया है। पन्ना समेत अन्य टाइगर रिजर्व को वाइल्डलाइफ सर्किट से जोड़ा गया है। नदी लिंक परियोजना में पन्ना के वन्यजीवों का विशेष ध्यान रखा गया है। आने वाले सालों में मध्य प्रदेश देश की टॉप इकोनॉमी में से एक होगा। जिसमें बुंदेलखंड की अहम भूमिका होगी। केंद्र सरकार मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड के विकास को लेकर निरंतर प्रयासरत रहेगी।