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PM मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किए 3 नए कानून, चंडीगढ़ में बोले- अब तारीख पर तारीख का खेल हुआ खत्म, शाह भी बोले

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चंडीगढ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को चंडीगढ़ के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम से तीन नए आपराधिक कानूनों को राष्ट्र को समर्पित किया। अमित शाह भी उनके साथ हैं। वहीं पीएम ने चंडीगढ़ में लागू किए गए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का डेमो भी देखा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि चंडीगढ़ आने से लगता है कि अपनों के बीच आ गया हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह तीनों कानून के लागू होने पर देश को बधाई देते हैं। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों को भी बधाई दी। वहीं शाह ने संबोधन में कहा कि नए कानूनों के बाद हमें अंग्रेजों के जमाने के गुलाम क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल गया है। अब तारीख पर तारीख का खेल खत्म हो गया है।

चंडीगढ़ में तीनों नए कानून देश को समर्पित करते हुए कहा कि आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में अब बड़ा बदलाव आ गया है। तीनों नए कानूनों से इस दिशा में देश में बड़े सुधार लागू होंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस अब किसी को अपनी मर्जी से हिरासत में नहीं ले सकेगी। परिवार को पहले सूचित करना होगा। नए कानूनों में नागरिक अधिकारों को सुरक्षित रखा गया है। वहीं पीएम ने कहा कि अब तारीख पर तारीख के दिन लद गए यानी खत्म हो गए हैं। नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली कानूनी अड़चन दूर होगी।

समय पर न्याय, न्यायिक व्यवस्था की होनी चाहिए पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है तब संविधान की भावना से प्रेरित भारतीय न्याय संहिता के प्रभाव का आरंभ होना बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि समय पर न्याय, न्यायिक व्यवस्था की पहचान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ देश में 1857 में विद्रोह शुरू हुआ था। उसके बाद 1860 में अंग्रेजों ने आईपीसी बनाई। इन कानूनों का मकसद भारतीय को दंड देना, उन्हें गुलाम बनाना था। कई लोगों के बलिदान के बाद 1947 में देश को आजादी मिली।

भ्रष्टाचार-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी
जब आजादी की सुबह आई तो कैसे-कैसे सपने थे, लोगों में कितना उत्साह था। लोगों ने सोचा था कि अंग्रेज चले गए हैं तो अंग्रेजों के कानूनों से भी मुक्ति मिलेगी। यह कानून अंग्रेजों के शोषण करने का जरिया थे, जिनसे वह भारत में अपनी सत्ता मजबूत करना चाहते थे। पीएम ने कहा कि इन नए कानूनों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी मजबूत होगी। नए कानून से देश की प्रगति होगी। कानूनी अड़चनों से भ्रष्टाचार को लगाम लगाने में जो दिक्कत आती थी, वह दूर होगी। पहले विदेशी निवेशक इसलिए भारत नहीं आते थे कि कई कोई मुकदमा दर्ज हुआ तो सालों निकल जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा कि देश की आजादी के दशकों बाद भी हम उसी दंड संहिता के इर्द-गिर्द घूमते रहे। हालांकि इन कानूनों में थोड़ा-बहुत बदलाव जरूर हुआ, लेकिन इनका चरित्र वही बना रहा। आजाद देश में गुलामों के लिए बने कानूनों को क्यों ढोया जाए, न हमने यह बात उनसे पूछी, न ही शासन कर रहे लोगों ने समझी। इन्होंने भारत की विकास यात्रा को प्रभावित किया। देश अब उस गुलामी से बाहर निकले। इसके लिए राष्ट्रीय चिंतन आवश्यक था।

जीरो एफआईआर को कानूनी रूप दिया
पीएम ने कहा कि ये कानून नागरिकों के अधिकारों के प्रोटेक्टर बन रहे हैं। पहले एफआईआर दर्ज करवाना मुश्किल होता है। अब जीरो एफआईआर को कानूनी रूप दिया गया गया है। पीड़ित को एफआईआर की कॉपी दी जाएगी। अगर आरोपी से कोई केस हटाना होगा तो पीड़ित की सहमति जरूरी होगी। किसी को भी पुलिस जबरदस्ती हिरासत में नहीं ले सकती है, उसके परिजनों को सूचित करना होगा। अब आरोपियों को बिना सजा लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसके अलावा नए कानूनों में कई नई चीजों को शामिल किया है। इसमें हर कार्रवाई टाइम बाउंड की गई है।

गरीब-मजदूर अब कोर्ट-कचहरी से नहीं डरेंगे
पीएम ने कहा कि गरीब व कमजोर लोग कानून के नाम से डरते थे। पहले वह लोग कोर्ट-कचहरी में कदम रखने से डरते थे, लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता लोगों की इस मानसिकता को बदलने का काम करेगी। यही सच्चा सामाजिक न्याय है। जिसका भरोसा हमारे संविधान ने दिलाया है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, हर पीड़ित के प्रति संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। देश के नागरिकों को इसकी बारीकियों का पता चलना भी उतना ही जरूरी है।

चंडीगढ़ तीनों कानून लागू करने वाला पहला राज्य
वहीं पीएम से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- नए कानूनों से गुलामी की निशानी, क्रिमिनल सिस्टम से छुटकारा मिल पाया है। चंडीगढ़ नए कानूनों को पूरी तरह लागू करने वाला शहर बनने जा रहा है। चंडीगढ़ देश के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पहला राज्य बनेगा, जहां पूरी तरह से यह तीनों कानून लागू होंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री शाह के संबोधन की अहम बातें

तीन साल में पूरे देश में लागू होंगे, इनका मकसद न्याय दिलाना
शाह ने कहा कि पुराने कानून 160 साल पुराने थे। ये अंग्रेजों ने बनाए गए थे। ये नागरिकों की जगह अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा के लिए बने। नए कानून भारतीयों और उनकी सुरक्षा के लिए बने हैं। इससे सभी को न्याय मिलेगा। 3 साल में ये कानून पूरे देश में लागू हो जाएंगे। तारीखों (पेशी) से छुटकारा मिल जाएगा। इन कानूनों की सबसे बड़ी आत्मा भारतीय है और इनका मकसद भारतीय को न्याय दिलाना है।

दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म होगा
गृहमंत्री ने कहा कि तीन साल बाद हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम दुनिया का सबसे बेहतर सिस्टम होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिफॉर्म बनेगा। कानून बनाने के लिए 2019 में प्रक्रिया शुरू हुई थी। 160 से अधिक मीटिंग हुईं। ये 43 देशों के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की स्टडी है। 11 लाख से अधिक अफसरों को कानून को लागू करने के लिए ट्रेनिंग दी गई।

अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा
कानून में महिला व बच्चों के लिए अलग चैप्टर जोड़ा गया है। आतंकवाद व संगठित अपराध की परिभाषा तय की गई है। अब आतंकियों को फायदा नहीं मिलेगा। 90 दिन में पुलिस को प्रोग्रेस रिपोर्ट देनी होगी। जीरो एफआईआर समेत कई चीजों के लिए थाने में जाने की जरूरत नहीं है। आने वाले 6 महीने में वन क्लिक आॅल डेटा बेस लागू कर देंगे।

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