नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज आगाज हो गया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता और मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जहां सभी सांसदों से संसद में अच्छी चर्चा की अपील की। वहीं कांग्रेस, राहुल गांधी पर जमकर वार किया। राहुल गांधी का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि जिन्हें जनता बार-बार नकान रही है, वह संसद का काम रोकने का काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी अपने संबोधन में कहा कि लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम करना है अगली पीढ़ी को तैयार करें, लेकिन 80-90 बार जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे संसद को भी, मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंग बाजी से कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। वे न संसद में चर्चा होने देते हैं और न ही लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वे लोगों की आकांक्षाओं को समझते हैं। उसका परिणाम है कि वे जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते। इसके चलते जनता को उन्हें बार-बार रिजेक्ट करना पड़ रहा है।’ उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता और देश की जनता उनके सारे व्यवहारों को देखती है और जब समय आता है, तब सजा भी देती है। सबसे ज्यादा पीड़ा की बात ये है कि जो नए सांसद नए विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं। सदन में उनको बोलने का अवसर नहीं मिलता।’ माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की हार के बाद यह निशाना राहुल गांधी पर साधा है।
संसद का यह कई प्रकार से विशेष
पीएम ने यह भी कहा कि ‘साल 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है। देश पूरी उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश होना। ये अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्ज्वल अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘कल संविधान सदन में सब मिलकर के इस संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की मिलकर शुरूआत करेंगे। संविधान निमार्ताओं ने संविधान निर्माण करते समय एक-एक बिंदू पर बहुत विस्तार से बहस की है, तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। इसकी महत्वपूर्ण ईकाई है हमारी संसद। हमारे सांसद भी और हमारी संसद भी।
‘सजा भी देती है देश की जनता’
नए सांसदों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,’दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। जिन्हें जनता ने अस्वीकार्य कर दिया है, वे मुट्ठीभर लोग भी हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जब समय आता है तो देश की जनता सजा भी देती है। पीड़ा की बात यह है कि जो नए सांसद हैं, चाहे वर किसी भी पार्टी के हों, उन्हें बोलने का मौका नहीं मिल पाता है।
16 विधेयकों पर होनी है चर्चा
बता दें कि आज शीतकालीन सत्र के दौरान पांच नए विधेयक पेश होंगे। जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। यानी कुल 16 विधेयक होंगे, जिन्हें सरकार इस सत्र में पारित करवाने की तैयारी में है। विपक्षी पार्टियों के जिस तरह के तेवर हैं, उससे साफ है कि शीत सत्र हंगामेदार रह सकता है।