भोपाल। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय झेल चुकी मप्र कांग्रेस में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। पार्टी के अंदर इस समय सबसे ज्यादा विरोध पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के खिलाफ देखने को मिल रहा है। अब तक कई बड़े नेताओं के निशाने पर आ चुके पटवारी के खिलाफ अब मध्यप्रदेश उद्योग एवं व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय चोरडिया ने पटवारी के खिलाफ खोला मोर्चा खोल दिया है। यहीं उन्होंने एक पत्रकार वार्ता कर पटवारी पर भाजपा के साथ सांठगांठ का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग भी कर डाली है।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए चोरडिया ने पटवारी पर सत्ता के साथ समन्वय कर सेटलमेंट की राजनीति कर संगठन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। इस दौरान उन्होंने आलाकमान से मांग भी कर दी कि पटवारी के साथ प्रभारी महासचिव भंवर जितेंद्रसिंह को भी हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीते हुए नेता और पार्टी के प्रति वफादार नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आलाकमान से मांग करते हुए तत्काल प्रभाव से जीतू पटवारी को हटाने की मांग की है।
कार्यकर्ताओं की भावनाओं से कर रहे खिलवाड़
चोरडिया ने साफतौर कहा कि जो व्यक्ति जीता हो, जिस व्यक्ति का जमीर कांग्रेस के लिए जिंदा हो, जो कार्यकर्ताओं में जोश भर सके, और वर्तमान सरकार से बराबरी की लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन से पहले किसी पार्टी से सांठगांठ कर संगठन के पदाधिकारी, नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावनाओं से खिलवाड़ ना करें। पत्रकार वार्ता में प्रदेश उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने कहा कि पटवारी कार्यकर्ताओं को आंदोलन करने की अनुमति तक नहीं दे रहे। इंदौर में पेपर लीक कांड में जब उनसे अनशन की अनुमति कुछ कार्यकर्ताओं ने मांगी तो उन्होंने इनकार कर दिया।
भाजपा नेताओं के साथ निभा रहे कारोबारी संबंध
बता दें कि पटवारी को प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाले करीब सात महीने हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। इस बीच कांग्रेस गुटों में बंटी नजर आ रही थी। साथ ही कई बड़े नेता और कार्यकर्ता खुद को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे थे। हालांकि विरोध अब तक सिर्फ अंदरुनी तौर पर चर्चाओं तक ही सीमित था। पहली बार सार्वजनिक रूप से पटवारी के खिलाफ इंदौर में मोर्चा खोल दिया गया है। चौरड़िया ने आरोप लगाया कि पटवारी न केवल सरकार के साथ सेटलमेंट कर रहे हैं बल्कि भाजपा नेताओं के साथ कारोबारी संबंध भी निभा रहे हैं। इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को उम्मीदवार विहीन होने के लिए भी पटवारी को जिम्मेदार ठहरा दिया।
लापरवाह ही नहीं बने रहे, बल्कि करते षड्यंत्र
चौरड़िया ने कहा कि पटवारी को पहले जानकारी थी कि इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार पाला बदलेगा। इस बारे में वे केवल लापरवाह ही नहीं बने रहे बल्कि षडयंत्र करते हुए उन्होंने ही डमी उम्मीदवार को सही फार्म भरने से रोका। डमी उम्मीदवार मोतीसिंह पटेल को दो नामांकन दाखिल करने थे लेकिन पटवारी के करीबी ने यह कहते हुए रोक दिया कि भैया से बात हो गई है। एक ही फार्म भरवाया गया। इस बारे में कुछ लोगों के पास वीडियो भी है लेकिन वे डर के कारण इसे सार्वजनिक नहीं कर रहे।