नई दिल्ली। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही ‘जाफर एक्सप्रेस’ को हाईजैक कर लिया गया है। करीब 500 मुसाफिरों से भरी ट्रेन को हाईजैक बलूच लिबरेशन आर्मी के आतंकियों ने किया है। बीएलए ने ट्रेन पर हमले और उसके बाद सेना के साथ मुठभेड़ में 30 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने और करीब 214 लोगों को बंधक बनाने का दावा किया है। बंधकों में सेना के जवान, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन 24 घंटे बाद भी अभी तक बंधकों को छुड़ाया नहीं जा सका है। इस बीच अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पाकिस्तानी सेना ने आॅपरेशन में 16 बलूच विद्रोहियों को मारने और 104 बंधकों को छुड़ाने का दावा किया है। रिपोर्ट की मानें तो देर रात तक दोनों ओर से गोलीबारी जारी थी। रेस्क्यू कराए गए बंधकों में 50 से ज्यादा पुरुष, 30 से ज्यादा महिलाएं और बच्चे भी हैं।
क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में नौ बोगियां जिनमें तकरीबन 500 लोग सवार हैं, जिनमें सेना और सीक्रेट एजेंट की भी अच्छी-खासी तादाद है। पेशावर जा रही ट्रेन जैसे ही टनल में घुसी, उसी वक्त घात लगाकर बैठे बीएलए के आतंकियों ने हमला कर ट्रेन को हाईजैक कर लिया। बीएलए ने बंधक बनाए गए पैसेंजर्स को युद्धबंदी कहा है, और इनके बदले पाकिस्तान की जेल में बंद बलूच कार्यकर्ताओं, राजनैतिक कैदियों, गायब लोगों, लड़ाकों और अलगाववादी नेताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। बीएलए ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी ये मांगें पूरी नहीं होती या पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई का प्रयास करता है तो सभी कैदियों को मार दिया जाएगा। साथ ही ट्रेन को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा। बीएलए ने ये भी स्पष्ट किया है कि ये उनकी ओर से अंतिम और ना बदलने वाली घोषणा है।
दो समूहों में बंटे आतंकी
वहीं सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के आॅपरेशन की वजह से आतंकी दो समूहों में बंटे हुए हैं। बीएलए के विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मशकाफ टनल में हाईजैक किया। यह टनल क्वेटा से 157 किलोमीटर की दूरी पर है। यह टनल जिस इलाके में है, वह बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाका है, जिसका सबसे नजदीकी स्टेशन पहरो कुनरी है। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि पेहरा कुनरी और गदालर के बीच जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर फायरिंग कर बीएलए के आतंकियों ने उस पर कब्जा किया था। ठ्रेन को टनल नंबर 8 में रोका गया। बोलन के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर का कहना है कि यह पूरा इलाका पहाड़ी है, जो सुरंगों से पटा पड़ा है।
बीएलए की मांग- पाकिस्तान से बलूचिस्तान को किया जाए अलग
बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अशांत प्रांत है। यहां 1948 से ही बलूचों और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव होता रहा है। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग समय से कर रहे हैं। बीते कुछ समय में चीन का इस इलाके में दखल बढ़ा है। चीन इस इलाके में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिस वजह से उन पर लगातार हमले भी हो रहे हैं। बीएलए की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग किया जाए। बीएलए की सबसे प्रमुख मांग है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमांइदा वहां नहीं होना चाहिए। इसके अलावा चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर भी बलूचिस्तान से होकर गुजरता है। बीएलए इसका विरोध करती है।