भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को इंदौर जिले के सांवेर स्थित चित्तौडा में श्रीमद्भगवत गौशाला में आयोजित हो रही भागवत कथा में शामिल हुए। सीएम ने व्यास पीठ का पूजन कर संत श्री कमलकिशोर नागर का शाल भेंट कर अभिनंदन किया। वहीं मुख्यमंत्री का साफा बांधकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर विधायक रमेश मेंदोला, चिंदू वर्मा सहित श्रीमद्भागवत गौ-शाला चित्तौड़ा के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। इस दौरान सीएम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि चित्तौड़ा गौशाला की भूमि श्रीमद्भगवत गौशाला के नाम होगी।
भागवत कथा का श्रवण करने आए भक्तों को संबोधिक करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि सनातन संस्कृति का अपना विशेष महत्व है। मनुष्य जीवन सत्कर्म के लिए प्राप्त हुआ है। कथा श्रवण के माध्यम से हमें जीवन दर्शन की राह मिलती है, जो हमें सदमार्ग की ओर चलने के लिए सदैव प्रेरित करती है। गौमाता की सेवा भगवान की सेवा के समान है। संत कमल किशोर नागर महाराज गौसेवा के एक बड़े संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे है।
भगवत गीता से हमें कर्म के प्रति आगे बढ़ने की मिलती है प्रेरणा
सीएम ने कहा क संत श्री के प्रयासों से मालवा, निमाड़, जनजाति अंचल सहित प्रदेश भर में गौमाताओं के पालन का दायित्व निस्वार्थ भाव से किया जा रहा है, जो प्रशंसनीय और वंदनीय है। भगवत गीता से हमें कर्म के प्रति आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, इसलिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति ऐसे सदकर्म करें, जिससे उनकी भावी पीढ़ी पुण्य के मार्ग पर चले और मनुष्य जीवन को सार्थक बनाए।
सीएम ने की मंत्री तुलसी सिलावट के प्रयासों की सराहना
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भगवत गौशाला चित्तौडा की भूमि को गौशाला के नाम करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गीता जयंती के आयोजन से पूरे प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के कर्म के संदेश को पहुंचाने का कार्य किया गया है। संत श्री कमल किशोर जी नागर के द्वारा निस्वार्थ भाव से गौशाला संचालन के लिए जो पुनीत कार्य की अलख जगाई गई है, वह वंदनीय है। संत श्री ने गौशाला संचालन के साथ कई आदर्श निर्मित किए हैं, जो समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहे है। उन्होंने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रयासों की भी सराहना की।
गौवंश पालन को प्रोत्साहित करने सरकार कर रही प्रयास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गोवंश पालन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। घर-घर गोपाल और गांव-गांव वृंदावन बने, इसके लिए प्रदेश के 313 ब्लॉक के एक-एक गांव में जहां 500 से अधिक गोवंश होगा, उनको वृंदावन गांव बनाकर आदर्श रूप में विकसित करेंगे। वहीं 10 से अधिक गौमाता पालने वाले पशुपालकों को अनुदान देकर प्रोत्साहित करेंगे ताकि घर-घर गोपाल बने। उन्होंने संत कमल किशोर जी नागर द्वारा गोवंश संरक्षण एवं गौशाला के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की।