नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पार्थिव देह शनिवार को पंचतत्व में विलीन गया है, लेकिन उनके स्मारक स्थल को लेकर सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस मांग थी की राजघाट पर अंतिम संस्कार हो और वहीं पर पूर्व पीएम का स्मारक बनाया जाए। डॉ. मनमोहन सिंह के लिए स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के भाई ने तीखी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस ने नरसिम्हा राव को कितना सम्मान दिया है। बता दें कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि जब बाबा का निधन हुआ था तक कांग्रेस कार्य समिति ने उन्हें श्रद्धांजलि देना भी उचित नहीं समझा था।
नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने एक बातचीत में कहा कि कांग्रेस को 20 साल पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने नेता पीवी नरसिम्हा राव को कितना सम्मान दिया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि न दो गज जमीन दी और न ही उन्हें भारत रत्न दिया। उनके अंतिम संस्कार में भी कोई नहीं आया। यहां तक कि सोनिया गांधी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई थीं. बता दे कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शमिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि बाबा के लिए कांग्रेस ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करना भी उचित नहीं समझा था।
राव और मनमोहन की जोड़ी गुरु-शिष्य की जोड़ी थी
मनोहर राव ने कहा कि कांग्रेस ने उनके लिए एक भी प्रतिमा का निर्माण नहीं किया या उन्हें भारत रत्न नहीं दिया। आप अपनी औपचारिकताएं पूरी करें, तब भाजपा निश्चित रूप से डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए भूमि देगी। कांग्रेस ने नरसिम्हा राव के लिए एआईसीसी कार्यालय के द्वार भी नहीं खोले थे। भाजपा निश्चित रूप से डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन देगी। कुछ औपचारिकताएं हैं, जो कांग्रेस पूरा करे। भाजपा स्मारक के लिए जरूर जमीन देगी। उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की जोड़ी गुरु-शिष्य की जोड़ी थी।
राव के कार्यकाल में मनमोहन सिंह को मिली ख्याति
मनमोहन राव ने आगे कहा कि नरसिम्हा राव ने डॉक्टर मनमोहन सिंह पूरी छूट दी थी। उनके कार्यकाल में मनमोहन सिंह को खूब ख्याति मिली क्योंकि उन्होंने (नरसिम्हा राव) वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह को काम करने की आजादी दी थी। इस दौरान मनमोहन सिंह ने कई ऐतिहासिक फैसले किए। देश को आर्थिक संकट से बचाया। मगर मनमोहन सिंह की सरकार में उनके गुरु नरसिम्हा राव को क्या मिला?
राव के पोते ने भी खूब सुनाया
पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनवी सुभाष ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उन्हें राजनीति का यही समय मिला है। कांग्रेस पार्टी ने 20 साल बाद भी कोई सम्मान नहीं दिया। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें बोलने का कोई हक नहीं है। आपके पूछने की वजह क्या है? आपने तो प्रणब मुखर्जी को भी सम्मान नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि पीवी नरसिम्हा राव ने अपना ज्यादातर वक्त दिल्ली में बिताया, फिर भी उनका मेमोरियल हैदराबाद में बनाने की कोशिश कांग्रेस पार्टी ने की।
शमिष्ठा मुखर्जी ने भी लगाया कांग्रेस पर आरोप
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि अगस्त 2020 में उनके पिता के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति ने कोई शोक सभा नहीं की। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने उन्हें बताया था कि भारतीय राष्ट्रपति के लिए ऐसी बैठकें आयोजित नहीं होतीं जिसे उन्होंने बेहद बेतुका बताया। शर्मिष्ठा ने बीजेपी के नेता सीआर. केसवण के एक पोस्ट का हवाला भी दिया जिसमें बताया गया था कि कैसे कांग्रेस ने गांधी परिवार के सदस्य नहीं होने की वजह से पार्टी के बाकी नेताओं की उपेक्षा की। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस ने 2004 में दिवंगत हुए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कोई स्मारक नहीं बनवाया और न ही उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करने की इच्छा जताई थी।