राजस्थान विधानसभा मे खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मंगलवार को अनुदान मांगों पर जवाब के दौरान ‘गिवअप अभियान’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत प्रदेश में 13 लाख 58 हजार 498 सक्षम लोगों ने स्वत: खाद्य सुरक्षा योजना से अपने नाम हटाए है। जिससे सरकार को 246 करोड़ का वित्तीय भार कम हुआ है।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री गोदारा ने सदन में कहा कि समक्ष लोगों के नाम वापस लेने के बाद अब पात्र लोगों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी की अंतिम तिथि 31 मार्च है, इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
साथ ही मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रदेश में उचित मूल्य की 300 नई दुकानें खोलने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, निरस्त हो चुकी दुकानों के स्थान पर छह माह में नई दुकानें भी शीघ्र खोलेंगे। राशन की 5 हजार दुकानों में अन्नापूर्णा भंडार खोले जाएंगे।
राजस्थान सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके लोगों द्वारा खाद्य सुरक्षा से स्वत: अपना नाम हटाने के लिए ‘गिवअप अभियान’ की शुरुआत की थी। इसके अंतर्गत अब तक 13 लाख 58 हजार 498 सक्षम लोग खाद्य सुरक्षा सूची से खुद अपना नाम हटवा चुके हैं। गिवअप अभियान 28 फरवरी तक जारी रहा। अपना नाम हटवाने से राज्य सरकार और अधिक पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ दे पाएगी।
वहीं, सरकार ने लंबे समय से खाद्य सुरक्षा योजना में नाम नहीं जुड़ पा रहे पात्र लोगों की परेशानी को देखते हुए 26 जनवरी से खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल खोलने का निर्णय किया था। खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के ने आदेश जारी किए थे। इस संबंध में प्रदेश में करीब 10 लाख आवेदन नए जोड़ने को लेकर बात कही गई थी।
साल 2013 में शुरू हुई राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत निम्न आय वर्ग के परिवार को गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न सुनिश्चित करवाने हेतु लागू किया गया था। जहां एक व्यक्ति को 5 किलोग्राम प्रति महीना खाद्यान्न दिया जाता है। खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ राजस्थान के व्यक्तियों को राशन कार्ड से मिलता है।