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MP की 19 लाख छात्राओं को सेनेटरी पैड के लिए मिले 57 करोड, CM ने रवीन्द्र में होनहारों को किया सम्मानित भी

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को मप्र की छात्राओं के खाते में 57 करोड़ ट्रांसफर किए हैं। सीएम ने उन्हें यह राशि सेनेटरी पैड खरीदने के लिए दी है। मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा अंतर्गत सैनिटेशन योजना के तहत 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के खाते में 300-300 रुपए राशि ट्रांसफर की। राज्यस्तरीय कार्यक्रम भोपाल के रवीन्द्र में आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं का जहां सीएम ने सम्मान किया। वहीं उनसे संवाद भी किया। खास बात यह है कि छात्राओं को सेनेपटरी पैड खरीदने के लिए राशि देने वाला मप्र पहला राज्य बन गया है।

इस समारोह में छात्राओं ने सीएम को राखी भी बांधी। मुख्यमंत्री से मिलकर और उनसे संवाद करके छात्राएं काफी खुश नजर आईं। यह समारोह स्वाधीनता दिवस और रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा की बेटियों का सम्मान किया। अलग अलग विधाओं की बेटियों को सम्मानित किया गया। प्रदेश के अलग-अलग कोनों में रक्षाबंधन कार्यक्रम मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन का त्योहार पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटियों के लिए 33% आरक्षण की घोषणा की। इस बीच रक्षाबंधन का कार्यक्रम आनंद से मनाने का मौका मिल रहा है।

मप्र की वीरांगनाओं की सुनाई गाथा
इस दौरान उन्होंने कहा कि सीता, गीता नाम रखने से कुछ नहीं होगा, उनके पीछे का इतिहास पता होना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की वीरांगनाएं रानी दुर्गावती और अहिल्या बाई की गाथा सुनाई। सीएम ने कहा कि रानी दुर्गावती ने 51 लड़ाई लड़ी और जीती। उन्होंने अपनी बहादुरी का परिचय दिया था। उन्होंने अकबर की सेना को तीन बार धूल चटाई थी। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अहिल्या बाई की वीरता और सामाजिक कार्यों की गाथाएं भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया था। आज भी बनारस में गंगा जी के सामने विश्वनाथ मंदिर में रामेश्वरम से समुद्र जल चढ़वाने की व्यवस्था अहिल्याबाई के शासन में होती थी।

सीएम की रहती है व्यावहारिक सोच
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के पीएस सुखवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री व्यवहारिक व्यक्ति हैं और उनकी हमेशा यह सोच रहती है कि बच्चों का शिक्षा के साथ कौशल विकास हो। उन्होंने कहा कि छात्राओं में उड़ान भरने की शक्ति होती है और सरकार इसे पहचानती है। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा में सीएम राइज स्कूल खुल रहे हैं और हर जिले में पीएम कॉलेंजे आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना भी की जा रही है। यह उच्च शिक्षा के गुणवत्ता का केंद्र बनेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है और ग्रॉस एनरोलमेंट रेट से हम 50 पॉइंट आगे हैं।

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