भोपाल। गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद आज मंगलवार से मध्यप्रदेश के स्कूल फिर खुल गए हैं। इसमें सरकारी स्कूल भी शामिल हैं। इसके साथ ही मप्र में आज से ही स्कूल चलें हम अभियान की भी शुरुआत हो गई है। अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। राज्यस्तरीय कार्यक्रम राजधानी भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित किया गया। सीएम मोहन ने सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में पहली बार स्कूल पहुंचे बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया। इस दौरान सीएम अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में उपलब्धियां अर्जित करने वाले छात्र-छात्राओं का प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर सीएम डा. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में सीएम राइज स्कूलों की तरह अन्य सरकारी स्कूलों में भी जरूरी व्यवस्था की जाए। सरकारी स्कूल में मैं भी पढ़कर निकला हूं। सरकारी स्कूल से निकले विद्यार्थी भी नई ऊंचाइयों को छूते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर हमारे सामने सबसे बड़ा उदाहरण भगवान कृष्ण का है। उनके समय गुरुकुल हुआ करते थे। भगवान कृष्ण 11 साल की उम्र में स्कूल गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जो पढ़ा ऐसा कोई मेधावी विद्यार्थी नहीं हुआ, जो इतने कम समय में इतना शिक्षित हुआ हो। उनकी पूरी शिक्षा का निचोड़ पवित्र ग्रंथ गीता में मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सीएम राइज स्कूल की तरह ही सभी स्कूलों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे।
मंत्री की मांग- प्राईवेट स्कूलों और मदरसों में अनिवार्य हो झंडा वंदन और जन गण मन
मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा और भोपाल महापौर मालती राय भी उपस्थित रहीं। जनजाति कार्य मंत्री विजय शाह ने कार्यक्रम में मांग कि मध्यप्रदेश के सभी तरह के शिक्षण संस्थाओं में जन गण मन का गायन और झण्डा वंदन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों और मदरसों में झंडा वंदन और जन गण मन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक यह 6वीं से 12वीं कक्षा के लिए था। अब यह पहली कक्षा से लागू कर दिया जाए।
तीन दिन चलेंगे कार्यक्रम
स्कूल चलें हम अभियान के तहत आयोजित प्रवेशोत्सव कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा। इस अभियान के दूसरे दिन समस्त विद्यालयों में शिक्षक अभिभावक बैठक का आयोजन किया जाएगा। इन बैठकों में अभिभावकों के साथ शालेय गतिविधियों पर चर्चा, जिसमें प्रमुखत: कक्षावार विषयखंड, शैक्षणिक कैलेंडर, अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया, अभिभावक-शिक्षक बैठक, सह शैक्षणिक गतिविधियों, शाला में उपलब्ध सुविधाओं आदि की जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जाएगा।