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भोपाल में 5 जगहों पर मियावाकी तकनीक से विकसित किए जाएंगे मिनी फॉरेस्ट

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मियावाकी तकनीक से जंगल विकसित किए जाएंगे। इस संबंध में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में भविष्य में वृक्षारोपण के लिए स्थानों के चयन को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सभी विभागों के लिए वृक्षारोपण के टारगेट के अनुरूप स्थानों का चयन किया गया। तयारियों के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।

भोपाल में ग्राम पंचायत फंदा एंव जनपद पंचायत बैरसिया में लगभग 121 स्थानों पर लगभग 50 हजार से अधिक एवं नगर निगम भोपाल द्वारा 7 से 8 स्थानों पर लगभग डेढ़ लाख से अधिक पौधारोपण किया जाएगा जिसके अंतर्गत ग्राम कजलीखेड़ा, आदमपुर छावनी लैंड फिल साइट, जंबूरी मैदान, बीएचएचईएल प्लाटेंशन साइट की गैप फिलिंग, कलियासोत नदी के किनारे दोनो तरफ, कैरिया कॉलेज के पीछे, सूरज नगर, बड़ा तालाब, छोटा तालाब के समीप, एयरपोर्ट क्षेत्र में, पक्षी विहार काली बाड़ी, बरखेड़ा पठानी, भानपुर नाले से लगकर, छोटा तालाब डांडी पार्क, प्रियदर्शिनी पार्क, लहारपुर डेम के पास, चिरायु के सामने भैसाखेड़ी एवं पुलिस ट्रेनिंग अकेडमी भौंरी कान्हा सैंया में वृक्षारोपण किया जाएगा। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से भोपाल जिले में मियाबाकी तकनीकी से जंगल विकसित किए जाएंगे।

बैठक में राम आस्था मिशन फाउंडेशन के द्वारा भोपाल जिले के 5 स्थानों पर मियाबाकी तकनीक से घने जंगल विकसित करने के लिए भोपाल एयरपोर्ट क्षेत्र कलिया सोत, केरवा डेम, बैरसिया की ग्राम पंचायत बर्रीखेड़ा एवं सूखी सेवनिया की गौशालाओं के स्थान का चिन्हांकन किया गया है। श्री आस्था फाउंडेशन के द्वारा मियाबाकी तकनीकी के इंडियन वर्जन के अंतर्गत शहर के गीले कचरे, तालाब से निकलने वाली जल कुंभी, मंदिरों से निकलने वाले फल-फूलों के वेस्ट, गौशालाओं के जैविक खाद मृत पशुओं के शरीर का उपयोग कर जंगल विकसित किए जाएंगे।

 

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