उज्जैन/वाराणसी। हिन्दुओं के आस्था का प्रतीक महाशिवरात्रि का पर्व आज बुधवार को देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर से लेकर उत्तरप्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ धाम तक इसकी धूम देखने को मिल रही है। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव भक्तों का उत्साह चरम पर है। काशी में प्रयागराज महाकुंभ जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। यहां पर शिवभक्तों रेला उमड़ पड़ा है। यही नहीं सुबह 9 बजे तक ही करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर लिए थे। इस बीच महाशिवरात्रि के अवसर पर अखाड़ों ने बाबा का जलाभिषेक किया।
यह पहला मौका था, जब नागा साधु-संन्यासियों ने काशी विश्वनाथ धाम में गेट नंबर चार यानी ज्ञानवापी मार्ग से प्रवेश किया। हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए नागा संन्यासियों की टोली धाम में पहुंची। इससे पहले नागा संन्यासियों को ढुंढिराज गणेश मार्ग से मंदिर परिसर में प्रवेश मिलता था। काशी विश्वनाथ धाम में पुष्पवर्षा के साथ नागा संन्यासियों का स्वागत किया गया। इस दौरान सभी अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। नागा संन्यासियों के सात अखाडों ने महाशिवरात्रि पर अपने आराध्य बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में नागा साधु-संन्यासी बग्घी, घोड़े और वाहनों पर सवार होकर अखाड़ों से निकले।
अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने की पेशवाई की अगुवाई
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि, महानिवार्णी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज, सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज राजसी यात्रा की अगुवाई में राजसी यात्रा (पेशवाई) निकाली गई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने कहा कि सुबह सात बजे से अखाड़ों का प्रवेश मंदिर परिसर में होने लगा। इस दौरान हजारों नागा साधु-संन्यासी राजसी यात्रा में शामिल रहे।
हर-हर महादेव के जयघोष से गंूजी महाकाल की नगरी
महाशिवरात्रि पर आज उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। महाकाल की नगरी हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान हो गई है। भगवान महाकाल लगातार 44 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। इस दौरान महाकाल पर सतत जल की धारा अर्पित होती रहेगी। हाकाल मंदिर के पट मंगलवार रात 2.30 बजे खुले। सुबह 4 बजे मंगला आरती की गई। अगले 44 घंटे तक भक्त बिना अनुमति के भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।
महाकाल के दरबार में भक्ति में लीन नजर आए मप्र के सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पत्नी समेत बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर जाप में लीन नजर आए। वे यहां बैठकर मंत्रों का जाप भी कर रहे हैं। पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि भगवान महाकाल को सप्तधान्य- चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेहूं, जौ, साल का मुखौटा धारण कराया जाएगा। सवा मन फूलों का मुकुट बांधकर सोने के कुंडल, छत्र और मोरपंख, सोने के त्रिपुंड से सजाया जाएगा। चांदी के बिल्वपत्र और सिक्के न्यौछावर किए जाएंगे।