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महाकुंभ हादसा: दिग्गी की मांग को धनखड़ ने किया खारिज, नोटिस देकर मौतों का सही आकंडा जारी करने और चर्चा कराने की थी मांग

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भोपाल। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ के कारण हुई मौतों को लेकर देशभर की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष मौतों का सही आंकड़ा जारी करने और इस घटना पर संसद में चर्चा कराने की मांग कर रहा है, लेकिन विपक्ष की इस मांग को संसद के दोनों सदनों में खारिज कर दिया है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी महाकुंभ में भगदड़ के कारण हुई मौतों को लेकर राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग की मांग थी, लेकिन राज्यसभा सभापति ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है। यह जानकारी दिग्गी ने खुद ट्वीट कर दी है।

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया साइड एक्स पर लिखा कि कल मैंने व लगभग सभी राज्यसभा विपक्षी पार्टी के संसद सदस्यों ने कुंभ में दु:खद घटना पर सभी विषयों को स्थगित कर सदन में चर्चा कराने की मांग की थी लेकिन सभापति ने हमारी मांग खारिज कर दी। यहां तक सदन द्वारा इस दुखद घटना में जो श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है उनकी स्मृति में राज्यसभा में शोक प्रस्ताव की भी इजाजत नहीं दी। क्या यह न्याय पूर्ण है?

सभापति को दिया स्थगन पर चर्चा का नोटिस
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को नियम 267 के तहत स्थगन पर चर्चा कराने नोटिस दिया है। दिग्गी ने अपने नोटिस में लिखा- राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 267 के तहत, मैं सदन के निर्धारित कार्यों को स्थगित कर प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 29 जनवरी 2025 को हुई दुखद भगदड़ पर चर्चा कराने हेतु यह नोटिस प्रस्तुत कर रहा हूं।

छह अन्य जगहों पर भी हुई थी भगदड़
कांग्रेस सासंद ने आगले लिखा कि प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया था कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संगम क्षेत्र में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई और 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हालांकि, हाल ही में सामने आई जानकारियों से यह पता चला है कि कम से कम छह अन्य स्थानों पर भी भगदड़ हुई, जिससे वास्तविक मृतकों की संख्या और सरकार द्वारा दी गई जानकारी की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। कई प्रमुख संतों, विशेष रूप से शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने प्रशासन से कुंभ मेले में अव्यवस्था और घटना के सही आंकड़ों की अनुपलब्धता पर सवाल उठाए हैं।

घटनाओं ने जनमानस में उत्पन्न कर दिया है भारी आक्रोश
दिग्गी ने लिखा- महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में उचित भीड़ प्रबंधन की कमी, मृतकों की संख्या को लेकर सूचना को छुपाने के आरोप, और संत समाज को सही जानकारी से वंचित रखने की घटनाओं ने जनमानस में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। इस घटना ने करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है, जिसके लिए सदन में तत्काल चर्चा आवश्यक है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल चर्चा सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्धारित कार्यों को स्थगित किया जाए, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो, पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

सभापति को दिया स्थगन पर चर्चा का नोटिस
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को नियम 267 के तहत स्थगन पर चर्चा कराने नोटिस दिया है। दिग्गी ने अपने नोटिस में लिखा- राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 267 के तहत, मैं सदन के निर्धारित कार्यों को स्थगित कर प्रयागराज महाकुंभ 2025 में 29 जनवरी 2025 को हुई दुखद भगदड़ पर चर्चा कराने हेतु यह नोटिस प्रस्तुत कर रहा हूं।

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