भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव सोमवार को सीहोर स्थित कुबरेश्वर धाम पहुंचे। जहां वे रुद्राक्ष महोत्सव में शामिल हुए और पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा सुनी। इसके बाद सीएम ने रुद्राक्ष महोत्सव में शामिल होने श्रद्धालुओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश सरकार हमेशा कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के साथ है। लाखों भक्त इनकी कथा में आते हैं। प्रयागराज के बाद ऐसा लग रहा है कि एक छोटा कुंभ सीहोर में लगा हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पं. प्रदीप मिश्रा लोगों में ईश्वर के प्रति आस्था और भक्ति जागृत कर लोगों का धार्मिक, आध्यात्मिक उत्थान कर रहे है। उन्होंने कहा कि पं. मिश्रा ने भोपाल के निकट सीहोर में कुबेरेश्वर धाम की स्थापना कर इस क्षेत्र को एक नई धार्मिक पहचान दी है। उन्होंने कहा कि जीवन-मृत्यु व्यक्ति के हाथ में नहीं है, लेकिन संत लोगों को धर्म की राह दिखाकर सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर उनके जीवन को सार्थक बनाते हैं। सांस्कृतिक, धार्मिक मूल्यों की स्थापना तथा समाज और राष्ट्र के निर्माण में संतों और गुरुओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।
कुबरेश्वर धाम में देखने को मिला महाकाल नगरी जैसा उत्सव
सीएम ने यह कहा कि मैं महाकाल की नगरी से आता हूं। जैसा उत्सव और आनंद उज्जैन में मिलता है, आज कुबरेश्वर धाम में भी वैसा ही उत्सव और आनंद देखने को मिल रहा है। ऐसा लगता है कि महाकाल की नगरी में ही हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सभी संतो का मार्गदर्शन मिला है। समय-समय पर हम और हमारी सरकार उनसे कई अवसरों पर विचार-विमर्श भी करती है। संतो से हमें सरकार चलाने का नैतिक बल मिलता है जिससे हम अधिक मजबूती के साथ प्रदेश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने संपूर्ण प्रदेश में गौ-शालाओं का निर्माण किया है और गौ-शालाओं में गौ-माता के लिए बेहतर परिवेश उपलब्ध करा रहे हैं।
गौ-माता की हम पर असीम कृपा
सीएम ने कहा कि गौ-माता परमात्मा की हम पर असीम कृपा है। गौ-माता प्रकृति और परमात्मा के बीच संबंध का सूत्र है। बेसहारा, अशक्त और वृद्ध गौ-माताओं के आश्रय के लिए भोपाल सहित सभी बड़ी नगर निगमों में 10 हजार क्षमता की गौ-शालाएं बनाई जाएगी। दुग्ध उत्पादन पर भी प्रोत्साहन स्वरूप बोनस प्रदान किया जाएगा। दस से अधिक गाय पालने वालों को अनुदान दिया जाएगा। गांव-गांव में गोपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। गौ-शाला चलाने वालों को प्रति गाय 20 रुपये के स्थान पर 40 रुपये का अनुदान देकर गौ-शालाओं को सक्षम बनाया जाएगा।