भोपाल। दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार अब अंतिम दौर पर पहुंच गया है। सोमवार की शाम चुनावी शोर थम जाएगा। इससे पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल पार्टी और उम्मीदवारों को जीत सुनिश्चित करने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आप संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस पर तीखा हमला। डॉ. यादव ने तो केजरीवाल को वर्तमान का रावण तक कह दिया।
मोहन ने कहा- एक तरफ कांग्रेस का और उससे बड़ा बाप ये आप वाला आ गया। इसने कांग्रेस और भाजपा के बीच में से झूठा स्वप्न दिखाया। जैसे सीता माता का हरण हुआ। रावण ने माया रचकर सीता माता के हरण का षडयंत्र रचा। उसकी निगाह में दृष्टि दोष था। उसने सोने का मृग बनाया और सीता माता को भिक्षा मांगने के बहाने जाल में फंसाया। ये वर्तमान का रावण है केजरीवाल। सत्ता की आड में झूठा प्रपंच बनाकर इसने दिल्ली को कहां से कहां गिरा दिया। इसको जनता से कोई लेना देना नहीं था।
कुर्सी के लिए क्या-क्या नहीं झूठ बोला
सीएम ने कहा, केजरीवाल को केवल कुर्सी चाहिए थी। उसके लिए उन्होंने क्या-क्या झूठ नहीं बोला। मैं दो कमरे के मकान में फ्लैट में रहूंगा। मैं पार्टी नहीं बनाउंगा। मैं सरकारी गाड़ी नहीं लूंगा, मुझे सुरक्षा भी नहीं चाहिए। बेचारे अन्ना हजारे रो रहे हैं, कहां केजरीवाल से पाला पड़ा। सत्यानाश कर दिया पूरी दिल्ली का। आज दिल्ली में कचरे के पहाड़ लगे हैं। चारों तरफ गंदगी हो रही। यमुना जी के आंसू बह रहे। इनको फर्क नहीं पड़ा। दिल्ली की जनता ने तय कर लिया है। जब अयोध्या में भगवान राम मुस्करा रहे हैं तो यमुना जी का कृष्ण कन्हैया वो क्यों चुप रहेगा। दिल्ली को दुनिया की सबसे अच्छी राजधानी बनाना है। डबल इंजन की सरकार चलाना है।
मैं कलम का फूल पकड़ा और भाजपा ने सीएम बना दिया
सीएम डॉ मोहन यादव ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा-मेरे परिवार में कभी कोई मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक नहीं बना। केवल मैंने कमल का फूल पकड़ा और भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाकर हमको गौरवान्वित किया। ये बात बताती है कि सच्चे अर्थों में हमारे देश में आजादी है। चंद्रशेखर आजाद ने अपने जीवन के सबसे अच्छे समय को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़कर निकाला। उन्होंने कहा मैं आजाद हूं आजाद मरुंगा। उन्होंने खुद की रिवॉल्वर से अपने प्राणों का अंत किया। इसी दिल्ली में पार्लियामेंट में भगत सिंह ने बम फेंककर कहा कि देश में जनतंत्र की सरकार होना चाहिए। आक्रांताओं और राजसी सत्ता वाले लोगों को बाहर करना चाहिए।
अंग्रेज गए और कांग्रेस आ गई
सीएम ने कहा- भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस इन सभी ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अपना शीश भारत माता के चरणों में चढ़ा दिया। लेकिन, दुर्भाग्य से अंग्रेज गए और कांग्रेस आ गई। राजनीति के चार चक्कर घुमाकर एक घर में सारी ताकत घुसेड़ दी। दिल्ली में चार बार उनके ही घर में से ही प्रधानमंत्री बनते हैं। आम जनता बनती ही नहीं हैं। ये क्रांतिकारियों ने क्यों बलिदान दिया। उन्हें बैठने का मौका नहीं दिया। ये कांग्रेस का चरित्र है।