रांची। झारखंड में 13 नवंबर को विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा। इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के रिश्तेदार और करीबी आयकर विभाग के राडार में आ गए हैं। आटी टीम इनके ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है। इसकी कड़ी में शनिवार को आइटी टीम ने हेमंत सोरेन के निजी सचिव सुनील श्रीवास्तव के घर, ठिकानों और उनके करीबियों समेत करीब डेढ़ दर्जन ठिकानों पर पर दबिश दी है। इस कार्रवाई में एजेंसी के अधिकारियों ने श्रीवास्वत के घर की तलाशी ली और दस्तावेजों की गहन जांच की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी चुनाव में हवाला के जरिए पैसों के लेन-देन से जुड़ी है। मामले में अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, इनकम टैक्स की रेड रांची में सात जगह और जमशेदपुर में नौ जगह के करीब छापेमारी चल रही है। जमशेदपुर के अंजानिया इस्पात समेत अन्य ठिकानें भी शामिल हैं। छापेमारी को लेकर विस्तृत जानकारी आना बाकी है। बता दें कि इससे पहले 5 नवंबर को 1200 करोड़ के अवैध खनन घोटाले में सीबीआई ने सीएम हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा के नजदीकियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान जांच एजेंसी ने 60 लाख रुपए कैश, एक किलो सोना, सवा किलो चांदी और 61 जिंदा कारतूस बरामद की थी। इस मामले में सीबीआई ने नवंबर 2023 में कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज किया था।
आईटी ने 26 अक्टूबर को भी 35 ठिकानों पर मारे थे छापे
सूत्रों की मानें तो आईटी को विधानसभा चुनाव में हवाला के सहारे पैसों की लेन-देन की सूचना मिली थी। इस पर आईटी ने 26 अक्टूबर को रांची, जमशेदपुर,गिरिडीह और कोलकाता में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 150 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किया गया था। साथ ही छापेमारी के दौरान मिली राशि का व्यापारियों के बुक्स आॅफ एकाउंट से मिलान करने के बाद 70 लाख रुपये जब्त कर बैंक में जमा करा दिया गया था। इसके तार झारखंड चुनाव से भी जुड़े हैं। इस छापेमारी को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
छापेमारी पर इंडिया और भाजपा आमने-सामने
आयकर विभाग की छापेमारी पर जेएमएम नेता मनोज पांडे का कहना है, “यह किसके इशारे पर हो रहा है? इसके पीछे क्या मकसद है? लोग बीजेपी में नहीं आ रहे हैं। रैलियां कीं और इससे उनमें निराशा पैदा हुई है। इसी का नतीजा है।” कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा, “बीजेपी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए बीजेपी माहौल बनाना चाहती है ।विपक्षी नेताओं, विपक्षी नेताओं के निजी सचिवों और उनके समर्थकों पर इनकम टैक्स और ईडी की छापेमारी से उन्हें लगता है कि इससे चुनाव में पिछड़ रही बीजेपी आगे बढ़ जाएगी। लेकिन राज्य के लोगों ने पहले भी बीजेपी को सत्ता से बाहर किया और इस विधानसभा चुनाव में भी इसे पूरी तरह से खारिज कर देगी। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है, ‘एजेंसियां ??अपना काम कर रही हैं। जैसे हम अपना काम कर रहे हैं और प्रचार कर रहे हैं, वैसे ही वे भी अपना काम कर रहे हैं।’