भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश आईएएस आॅफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित सिविल सर्विस मीट-2024 को संबोधित किया। प्रशासन अकादमी में आयोजित हो रही तीन दिवसीय मीट शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि सिविल सर्विस मीट का विचार मंथन नए दौर के नए मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक होगा। प्रशासनिक अधिकारियों के लंबे अनुभवों को साझा करने के लिए किसी संस्था की संरचना करने पर विचार होना चाहिए। इससे अलग-अलग क्षेत्र के व्यक्तियों के साथ विचारों के आदान-प्रदान तथा सेवाकाल के बाद भी देश की उन्नति और जन कल्याण में अपना योगदान देने के लिए मंच उपलब्ध हो सकेगा।
सीएम ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में हो रही घटनाओं की दृष्टि से भारत का वर्तमान समय बहुत अनुकूल और सकारात्मक है। पड़ोसी देशों में हो रहे घटनाक्रम से इसका आंकलन किया जा सकता है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की व्यवस्थाएं विश्व में आदर्श प्रस्तुत कर रही हैं। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का योगदान महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में सीएस अनुराग जैन, जी-20 इंडिया के शेरपा तथा नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ कांत, प्रशासन अकादमी के महानिदेशक जेएन कंसोटिया मौजूद थे। सीएस अनुराग जैन ने सीएम को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
भारतीय प्रशासनिक सेवा का अन्य सेवाओं से अलग
सीएम ने कहा है कि भारत जैसे विशाल और विविधताओं वाले देश की विश्व में विशिष्ट छवि बनाने में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज भारत की अलग पहचान बनी है और देश को आदर-सम्मान के साथ देखा जाता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा का स्वरूप अन्य सेवाओं से अलग है। कठोर परिश्रम के साथ-साथ ईश्वर प्रदत्त भाग्य से ही मनुष्य को भारतीय प्रशासनिक सेवा से जन सेवा का अवसर प्राप्त होता है।
दक्षता से लिए गए निर्णयों से ही अधिकारी इतिहास बनाते हैं
सीएम ने पौराणिक संदर्भ का उल्लेख करते हुए कहा कि ईश्वर प्रदत्त यश का सदुपयोग जनहित में करना ही श्रेष्ठतम है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और व्यवस्थाओं को सुव्यवस्था में बदलने में सक्षम हैं। व्यक्तिगत स्तर पर की गई ऐसी पहल, सुख और संतोष प्रदान करती है। पीएम नरेन्द्र मोदी के अनुसार बेहतर अवसरों के साथ अपनी दक्षता और सूझ-बूझ से लिए गए निर्णय और उनके बेहतर क्रियान्वयन से ही अधिकारी इतिहास बनाते हैं।
निर्णयों के क्रियान्वयन में आईएएस अधिकारियों की दक्षता प्रशंसनीय
सीएम ने कहा कि व्यवस्था संचालन में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के अलग-अलग दायित्व हैं। उनके निर्वहन की अपनी-अपनी विशेषज्ञता भी है। इन सभी संस्थाओं ने लोकतंत्र को बनाए रखने में अपने-अपने स्तर पर योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि निर्णय लेना या एक विचार देना सरल है, लेकिन बड़े फलक पर उसका क्रियान्वयन चुनौती पूर्ण होता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की निर्णयों के क्रियान्वयन में दक्षता प्रशंसनीय है।