भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार को मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ की सालाना बैठक में शामिल हुए। सीएम हाउस में आयोजित की गई बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि खेल, शिक्षा का ही एक अभिन्न हिस्सा है। खेल और खिलाडियों का विकास हमेशा ही हमारी सरकार की प्राथमिकता में रहा है। सरकार इनके विकास में कोई कसर नहीं रखेगी। इनकी हर जरुरत पूरी की जायेगी। हम खेल संघों के साथ मिलकर योजना बनाकर काम करेंगे, जिससे प्रदेश से अधिक से अधिक खेल प्रतिभा नेशनल और इंटरनेशनल गेम्स के लिये निकलकर आयें।
सीएम ने कहा कि सरकार जिला स्तरीय ओलम्पिक संघो के साथ समन्वय कर जिला स्तरीय ओलम्पिक गेम्स आयोजित करने की ओर कदम बढ़ायेगी। जिला स्तरीय ओलम्पिक गेम्स में चयनित खिलाडियों के प्रोत्साहन के लिए राज्य स्तरीय ओलम्पिक गेम्स (स्टेट ओलम्पिक) आयोजित किए जाएंगे। खेल विभाग इसकी विधिवत कार्ययोजना बनायेगा। सबसे सुझाव लेकर ही सरकार इस दिशा में आगे बढेगी।
ओलंपिक से ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे आने मिलेगा मौका
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय ओलम्पिक खेलों के आयोजन से प्रदेश की ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को भी आगे आने का सुनहरा मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग, मेडिकल एजुकेशन, टेक्निकल एजुकेशन में अध्ययनरत विद्यार्थियों की रुचि के खेलों और खेल मैदानों के विकास के लिए समन्वित प्रयास करेगी। बैठक में खेल मंत्री विश्वास सारंग, सांसद खजुराहो एवं मप्र ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष वीडी शर्मा, विधायक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश मेंदोला मौजूद थे।
मप्र में खेल और खिलाड़ियों के लिए यह नई शुरुआत
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के लिए यह एक नई शुरूआत है। हमारी सरकार हर खिलाड़ी को प्रोत्साहन और जरूरी सुविधाएं प्रदान करेगी। खेल केवल शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि यह अनुशासन, सामूहिकता और नेतृत्व की भावना विकसित करता है। उन्होंने कहा कि इन खेलों का उद्देश्य युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। जिला स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा, जिससे खेलों में मध्यप्रदेश का नाम रोशन होगा।