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जर्रापुर में नर्मदा तट पर बनेगा घाट, संत समागम से CM मोहन का ऐलान: उज्जैन में भी आश्रम के उपलब्ध कराई जाएगी जमीन

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भोपाल। सीहोर जिले के बुधनी में रविवार को नाथ समुदाय द्वारा संत समागम का आयोजन किया गया। जरार्पुर में स्थित श्री महारुद्रेश्वर महादेव आश्रम पंचमुखी हनुमान मंदिर में तीन दिनों तक चलने वाले इस समागम के पहले दिन मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ, राज्यसभा सदस्य बाल उमेशनाथ, महंत श्री नरहरि नाथ जी, योगी श्री कृष्ण नाथ जी महाराज, महंत पंचम नाथ, महंत रूपनाथ समेत तमाम दिग्गज शामिल हुए।

संत समागम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. यादव ने जरार्पुर में नर्मदा तट पर घाट बनाने का ऐलान किया। जिसकी लागत पांच करोड़ होगी। वहीं बाबा बालकनाथ ने कहा कि आक्रमणकारी भारत को तोड़ नहीं सके। उन्होंने हमारी संस्कृति को खत्म करने के लिए मंदिरों को ध्वस्त किया था। अब उनको निकाला जा रहा है। सीएम मोहन ने कहा कि नाथ संप्रदाय की परंपरा को देखकर आनंदित हूं। बालकनाथ महाराज के द्वारा आज यहां पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। बहुत ही दिव्य कार्यक्रम है। उन्होंने संतों की मांग पर बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की। सरकार साधु संतों की सेवा के निरंतर तत्पर है और उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी आश्रम के लिये वैधानिक तौर पर भूमि उपलब्ध कराई जायेगी।

नाथ समुदाय ने दुनिया को वास्तविक योग अर्थ समझाया
सीएम ने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है। आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व के सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देश, भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते हैं। भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीनकाल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है। पीएम मोदी ने प्राचीनकाल से चली आ रही भारत की योग परंपरा को संयुक्त राष्ट्र संघ से पूरे विश्व में मान्यता दिलाई स्थापित किया।

मनुष्य की आत्मा में परतात्मा विराजमान
सीएम ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य की आत्मा में परमात्मा विराजमान हैं। उन परमात्मा को जानने का सबसे सुगम माध्यम योग है। गुरू गोरखनाथ अपनी योग्यता एवं कुशलता से अपने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों एवं विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेते थे। यह सत्य है कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है। मृत्यु से पहले अपने आप को जानने की कला गुरू गोरखनाथ ने दुनिया को सिखाई है।

आक्रांताओं ने मंदिरों को तोड़कन किया अन्य निर्माण: बालकनाथ
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक महंत बालकनाथ ने कहा कि बाबा पारस नाथ जी ने 12 साल तक भगवान का रुद्राभिषेक पर तपस्या की है, उसके पूर्ण होने पर आज यहां 8 मान और 32 मान का भंडारा कराया जा रहा है, जो सबसे श्रेष्ठ माना गया है। वहीं यूपी में बंद स्थानों से मंदिर निकलने पर कहा कि मंदिर निकल नहीं रहे यहां मंदिर ही थे। आक्रांताओं ने यहां आकर मंदिरों के ऊपर अन्य निर्माण किया है। अब सर्वे में सभी जगह के मंदिरों को निकलना चाहिए। आक्रमणकारी भारत को तोड़ नहीं पा रहे थे। तब उन्होंने हमारी संस्कृति को खत्म करने के लिए हमारे मंदिरों को ध्वस्त किया था, अब उनको निकाला जा रहा है। न्यायालय के माध्यम से यह जांच होना चाहिए।

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