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ग्लैमरस दुनिया से पूर्व मिस इंडिया का मोह भंग, अब चुनी आध्यात्म की राह: धार्मिक विधि से शंकराचार्य से ली गुरु दीक्षा, क्या कहा पढ़ें

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जबलपुर। ग्लैमर की दुनिया में नाम कमा चुकी मिस इंडिया और मिस वर्ल्ड टूरिज्म रही इशिका तनेजा अब ग्लैमर का तड़का लगाती नजर नहीं आएंगी। दरअसल उन्होंने अब सनातन और आध्यात्म की ओर अपना रुख कर लिया है। यही नहीं, उन्होंने गुरु दीक्षा भी ले ली है। इशिका तनेजा ने गुजरात के द्वारका धाम शारदा मठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज से जबलपुर में गुरू मंत्र लिया। उन्होंने बगलामुखी मठ में धार्मिक विधि के अनुसार गुरु मंत्र दिया। गुरु दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।

इशिका ने कहा कि ‘ मैं काफी समय से भटक रही थी। सोच रही थी कि किस दिशा में जाऊं। अब गुरु मिल गए हैं। अगर भगवान को पाना है, तो गुरु ही रास्ता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उनकी धर्म के प्रति रुचि थी। वह मेडिटेशन करती हैं, इस्कॉन और श्री श्री रविशंकर जी से भी जुड़ी हुई हैं। मैं काफी समय से भटक रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि सब कुछ छोड़कर धर्म से जुड़ जाना चाहिए। अगर, अभी नहीं जुड़ेंगे तो बहुत देर हो जाएगी। शंकराचार्य जी से आदेश मिला कि जबलपुर आकर गुरु दीक्षा प्राप्त करें। यह मेरा सौभाग्य है कि उन्होंने मुझे गुरु मंत्र दिया है। मेरी दिशा और लक्ष्य जैसे-जैसे वह तय करेंगे, मैं उसका पालन करूंगी।

ओटीटी में आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री जा रही अलग दिशा में
इशिका ने बताया कि बचपन से ही चाहती थी कि मेरा नाम गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो और पूरी दुनिया इस नाम को जाने। इसलिए मिस इंडिया, फिर मिस वर्ल्ड टूरिज्म का खिताब जीता। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को पूरी तरह से अलविदा कह चुकी हूं। वहां सुख-शांति बिल्कुल भी नहीं है। ओटीटी आने के बाद फिल्म इंडस्ट्री अलग ही दिशा में जा रही है। काफी समय से जीवन का रास्ता तलाश कर रही थी। इससे ज्यादा सौभाग्य की बात नहीं हो सकती कि शंकराचार्य जी ने मुझे दीक्षा देकर अपना शिष्य बनाया है। पूर्व मिस इंडिया इशिका तनेजा ने कहा कि मुझे लगता है कि शिक्षित हिंदुओं का धर्म से जुड़ना आवश्यक है, विशेष रूप से युवाओं का। युवाओं के पास ऊर्जा और समय है। हमें मिलकर धर्म के लिए काम करना जरूरी है। क्योंकि, अभी नहीं तो कभी नहीं।

आध्यात्मिक शक्ति के लिए दी जाती गुरु दीक्षा
इस अवसर पर शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ज्ञान प्रदान करने और मंत्रों की शक्ति प्रदान करने के लिए दीक्षा दी जाती है। साधक को आध्यात्मिक शक्ति के लिए गुरु दीक्षा दी जाती है। दीक्षा लेकर उपासना करने से शक्ति का संचय होता है। जब लोगों के अंदर आध्यात्मिक चेतना जागती है, तब वे गुरु की शरण में आते हैं।

रील और रियल लाइफ में बहुत अंतर
इशिका ने बताया कि रील और रियल लाइफ में बहुत अंतर होता है। उन्होंने कहा कि रील मेड अप होती है, जबकि रियल लाइफ को फील किया जा सकता है। रियल लाइफ से आपके परिवार की, सोसाइटी की और स्वंय आपकी जिंदगी आगे बढ़ती है, इसलिए रील को नहीं बल्कि रियल लाइफ को सुंदर करने की जरूरत है। इशिका ने कहा- आज के समय में लोग रील पर सुंदर दिखने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया में अलग-अलग तरह से अपनी फोटो शेयर करते हैं, रियल छोड़ रील लाइफ में जीते हैं, पर उन्हें यह भी समझना जरूरी है कि रील नहीं रियल लाइफ ही हकीकत है। रियल सुंदर होगा तो रील की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।

इशिका तनेजा ने मिस इंडिया (2017-18) का खिताब जीता था। 27 जनवरी, 2018 को मलेशिया के मेलाका में आयोजित मिस वर्ल्ड टूरिज्म में उन्हें बिजनेस वुमन आॅफ द वर्ल्ड का ताज पहनाया गया था। 26 जनवरी 2016 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इशिका को ‘भारत की 100 सफल महिला’ के पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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