ग्वालियर। मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल के भीख वाले बयान पर सियासत गरमाई हुई है। मंत्री पटेल अपने इस बयान को कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। यही नहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने तो प्रहलाद पटेल की तुलना रावण से कर दी है। बता दें कि इससे पहले पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, पूर्व सीएम कमलनाथ और पीसीसी मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक भी उन पर निशाना साध चुके हैं।
सोमवार को ग्वालियर दौरे पर पहुंचे उमंग सिंघार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिंघार ने कहा कि प्रहलाद पटेल वरिष्ठ और गंभीर मंत्री हैं। उन्होंने किस तारतम्य में यह कहा, क्यों कहा, उनकी मन की बात वही जानें। लेकिन मुझे लगता है कि अगर कोई भी पीड़ित पक्ष आपके पास आता है, आवेदन-निवेदन करता है तो उसको निश्चित तौर पर न्याय मिलना चाहिए। मंत्रियों के पास आ रहे हैं, मुख्यमंत्री के पास आ रहे हैं, इसका मतलब यह है कि प्रशासनिक स्तर पर जिलो में अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं।
सीएम को लेना चाहिए संज्ञान
उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में कई शिकायते पेंडिंग पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री इस पर आखिर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर तत्काल सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इतने सालों की सरकार है तो किसी को भी घमंड तो आ ही जाता है। रावण को भी घमंड था एक दिन उसका घमंड भी खत्म हो गया। इस दौरान उमंग सिंघार ने मप्र विधानसभा के बजट सत्र और लाड़ली बहनों को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया।
सवा साल में में नहीं खोले गए रामायण-गीता के पन्ने
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मप्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री जी सदन में कह चुके हैं कि हमारा घोषणा पत्र, सरकार का घोषणा पत्र, रामायण और गीता की तरह है, लेकिन रामायण और गीता के सवा साल में पन्ने तक नहीं खोल पाए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य दिया है। लाडली बहनों को 3000 रुपए की बात कही थी, वह दे नहीं पाए हैं। प्रदेश बीमारू राज्य हो रहा है। उद्योग आ नहीं रहे हैं, इससे साफ है कि बीमारू राज्य की श्रेणी में एमपी 9वें नंबर पर है, इसलिए यहां उद्योगपति भी नहीं आना चाहते हैं। चाहे युवा, महिलाओं, किसानों सहित घोषणा पत्र की बात हो, भ्रष्टाचार की बात हो, सभी मामलो को दबाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी सदन में इन मुद्दों पर ध्यानाकर्षण लेकर आएगी।