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आर्थिक सर्वेक्षण: मप्र की जीडीपी में हुई बढ़ोत्तरी

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11 मार्च 2025। मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15,03,395 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, जो 2023-24 में 13,53,809 करोड़ रुपये था। यह 11.05% की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है।

यह जानकारी मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने मप्र का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए विधानसभा में दी।

मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करते हुए कहा कि प्रदेश ने 2028-29 तक जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है।

 आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की मुख्य बातें

स्थिर भावों पर जीडीपी: 2024-25 में 7,12,260 करोड़ रुपये, जो 2023-24 में 6,71,636 करोड़ रुपये था। वास्तविक वृद्धि 6.05% दर्ज की गई।

प्रति व्यक्ति आय: प्रचलित भावों पर 1,52,615 रुपये और स्थिर भाव पर 70,434 रुपये।

 क्षेत्रीय योगदान:

प्राथमिक क्षेत्र: 44.36%

द्वितीयक क्षेत्र: 19.03%

तृतीयक क्षेत्र: 36.61%

 राजकोषीय स्थिति:

राजस्व अधिशेष: 1,700 करोड़ रुपये

राजकोषीय घाटा: 4.11%

अनुमानित राजस्व प्राप्तियां: 2,63,344 करोड़ रुपये

कृषि क्षेत्र में शानदार प्रगति

मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है, जिसमें फसल उत्पादन का योगदान 30.90% रहा।

प्रचलित भाव पर वृद्धि: 10.8%

स्थिर भाव पर वृद्धि: 1.6%

पशुधन क्षेत्र का योगदान: 7.45%

पशुधन क्षेत्र में वृद्धि: स्थिर भाव पर 11.93% और 8.39%

उद्योग, अधोसंरचना और निवेश को बढ़ावा

मध्यप्रदेश सरकार ने 2025 को “उद्योग वर्ष” घोषित किया है।

द्वितीयक क्षेत्र में 2.73 लाख करोड़ रुपये का सकल मूल्य वर्धन दर्ज किया गया।

औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 145.13 करोड़ रुपये की स्वीकृति।

दिसंबर 2024 तक 4.17 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

खनिज उत्पादन: 2023-24 में 16.71% की वृद्धि। माइनिंग कॉन्क्लेव 2024 में 19,250 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले।

 सामाजिक क्षेत्र में बड़े बजटीय आवंटन

पिछले चार वर्षों में सामाजिक क्षेत्र के बजट में 82.52% की वृद्धि।

बाल विकास के लिए बजट का 21.6% आवंटित।

 स्वास्थ्य क्षेत्र:

2024-25 में 15,744 करोड़ रुपये का बजट।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 4.85 करोड़ से अधिक कार्ड जारी।

शिक्षा क्षेत्र:

बजट का 11.26% शिक्षा क्षेत्र को आवंटित।

सीएम राइज स्कूल योजना के तहत 274 स्कूलों का निर्माण जारी।

व्यावसायिक शिक्षा में 14 नए ट्रेड्स शुरू।

1346 महाविद्यालयों में 10.5 लाख सीटें उपलब्ध।

कौशल विकास मिशन के तहत 3.49 लाख छात्रों को प्रशिक्षण।

विकसित मध्यप्रदेश की ओर कदम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में “गरीब कल्याण, युवा शक्ति, अन्नदाता, और नारी शक्ति” चार प्रमुख मिशन शुरू किए गए हैं, जो वंचित वर्गों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करेंगे।

प्रदेश में “ईज़ ऑफ लिविंग” और “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” को बढ़ावा देने के लिए जनविश्वास बिल, राजस्व महाभियान और पीएम जनमन कार्यक्रम जैसे कदम उठाए गए हैं।

 पर्यावरण और संसाधन प्रबंधन

राज्य में वनावरण क्षेत्र 77.07 हजार वर्ग किमी और अधिसूचित वन क्षेत्र 94.69 हजार वर्ग किमी है।

2024 में भू-जल संसाधन 35.90 बीसीएम तक पहुंचा।

डिजिटल और टेक्नोलॉजी में निवेश

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को 472.28 करोड़ रुपये का बजट।

राज्य में 10 आईटी पार्क और 4 आईटी SEZ विकसित।

4895 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत।

मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रदेश की मजबूत आर्थिक नींव और समावेशी विकास यात्रा का स्पष्ट चित्रण करता है। सरकार की नीतियों और योजनाओं का प्रभाव हर क्षेत्र में दिख रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

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