भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को सीएम हाउस से सागर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रदेश में जन कल्याण अभियान संचालित किया जा रहा है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्तर पर जन हितैषी कार्य लंबित न रहें। अभियान में बने दल, घर-घर सर्वे कर आवेदन प्राप्त करें। सभी शिविरों में जनप्रतिनिधि भी सक्रिय सहभागिता करें। सीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे को प्राथमिकता से लेने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर बैठक कर अब तक हुए जनकल्याणकारी कार्यों और विकास गतिविधियों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन विषयों के निराकरण में जिला स्तर पर कठिनाई आ रही है उन्हें राज्य स्तर पर अविलंब प्रस्तुत किया जाए। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एंदल सिंह कंसाना,खाद्य आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप,उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार समेत कई मंत्री और क्षेत्र के विधायक मौजूद रहे। वहीं संबंधित संभागायुक्त, जिला कलेक्टर तथा अन्य अधिकारी बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।
दोनों ही परियोजनाओं से मप्र को मिलेगा लाभ
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर ही पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो अभियान के लिए एमओए हुआ और उनके नेतृत्व में ही 25 दिसम्बर को केन-बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ हो रहा है। दोनों ही परियोजनओं का लाभ मध्यप्रदेश को मिलेगा। सीएम ने कहा कि दोनों परियोजनाएं अंतर्राज्यीय हैं। जरूरत है कि प्रदेश की नदियों को भी उपयोगिता के आधार पर जोड़ने के लिए प्रस्ताव बनाए जाएं। दोनों परियोजनओं के लाभ लेने के लिए भी जिला स्तर पर कार्य योजना बनाई जाएं।
जल के उपयोग पर स्कूलों में आयोजित की जाएं प्रतियोगिताएं
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों से ही इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन हो सका है। इससे मालवा और बुंदेलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के विस्तार के साथ ही पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जल के उपयोग पर स्कूलों में चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएं। पीएम द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना के भूमि-पूजन कार्यक्रम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को जोड़ते हुए जन-जन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए।