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मप्र के होनहारों को सीएम ने गिफ्ट की स्कूटी, बोले- मैरिट से नहीं बनेगा काम, संस्कार भी होने चाहिए ऐसे

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भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्रतिभाशली विद्यार्थियों के लिए बुधवार का दिन खुशी देने वाला था। ऐसा इसलिए कि 7,800 टॉपरों को मप्र सरकार की ओर से स्कूटी गिफ्ट में दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 12 स्कूली विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबियां सौंपी। इसके बाद सरकारी स्कूलों के 7,900 प्रतिभाशाली छात्रों को स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। इस दौरान सीएम ने प्रतिभाशाली छात्रों को कई मंत्र भी दिए। सीएम ने कहा- मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर दिखने न दें।

सीएम ने कहा है कि जीवन में सफलता के लिए योग्यता के साथ-साथ नैतिक मूल्यों और संस्कारों का अनुसरण आवश्यक है। मेरिट में आए विद्यार्थी यदि अपनी योग्यता का उपयोग केवल स्वयं के लिए करेंगे तो उनकी प्रतिभा का लाभ समाज को नहीं मिल पाएगा। नैतिक मूल्यों का अनुसरण करते हुए सबके हित और सबके सुख का ध्यान रखकर किए गए कार्य न केवल समाज अपितु राष्ट्र की प्रगति में विद्यार्थियों के योगदान का मार्ग प्रशस्त करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व का सबसे महान देश बनने के मार्ग पर अग्रसर है। ऐसे में मेरिट में आए विद्यार्थी अपनी योग्यता, क्षमता और निपुणता से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर समाज हित और देश की उन्नति में हरसंभव योगदान दें। लक्ष्य प्रगति में ही उनकी श्रेष्ठता सही अर्थों में सिद्ध होगी और भारत को प्रगति पथ पर अग्रसर करने में सार्थक योगदान दे सकेंगे।

नेताजी ने योग्यता से अपनी सामर्थ्य के उदाहरण पेश किए
डॉ. यादव ने भगवान श्री राम, भगवान श्रीकृष्ण, सम्राट विक्रमादित्य, पन्ना-धाय के उद्धरण देते हुए कहा कि अद्भुत क्षमता और सामर्थ्य के साथ नैतिक मूल्यों पर अडिग रहने के उदाहरणों ने ही इन महान विभूतियों के जीवन को आदिकाल से वर्तमान तक अनुकरणीय बनाया है। अंग्रेजी साम्राज्य का जब सूर्य अस्त नहीं होता था तब नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अपनी योग्यता और क्षमता के आधार पर विश्व में अपनी सामर्थ्य के उदाहरण प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर चुनौती और कठिन समय का धैर्य और साहस के साथ सामना करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को शासकीय और निजी क्षेत्र की नौकरियों का लक्ष्य रखने के साथ ही समाज को नेतृत्व प्रदान करने, आने वाली पीढ़ी को शिक्षा देने जैसे दायित्वों के निर्वहन को भी अपना ध्येय बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जापान की उद्यमशीलता का उदाहरण देते हुए कहा कि युवा उद्यमिता के माध्यम से नौकरी करने वाले नहीं अपितु रोजगार देने वाले बन सकते हैं। राज्य सरकार उद्योग स्थापना में हरसंभव सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ स्कूटी चलाकर किया उनका उत्साहवर्धन
मुख्यमंत्री ने समारोह में 10 मेधावी विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबी प्रदान की तथा उनके साथ स्कूटी चलाकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में शासकीय विद्यालयों के टॉपर्स को स्कूटी प्रदान करने की इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में 7 हजार 900 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जा रही है। उन्हांने ने प्रतीक स्वरूप सर्वश्री आदित्य राठौर, प्रशांत राजपूत, सिद्धार्थ साहू, रफत खान, आर्यन राजपूत, आकाश कुशवाह, सुश्री बबली मीणा, पलक सिंह, ऊषा मीणा और सलोनी दांगी को ई-स्कूटी की चाबी भेंट की तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री के हाथों ई-स्कूटी की चाबी पाकर खुश हुए विद्यार्थी
सीएम ने बुधवार को स्कूल शिक्षा विभाग की मुख्यमंत्री नि:शुल्क स्कूटी योजना के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ई-स्कूटी की चाबी प्रदान की। स्कूटी पाते ही प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों से उनके भविष्य की योजना के बारे में बात भी की। प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की गई है।

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