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दिल्ली शराब नीति की CAG रिपोर्ट अब जाएगी पीएसी के पास

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दिल्ली में केजरीवाल सरकार के दौरान लागू की गई नई शराब नीति पर अटकलें एक बार फिर दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद चर्चा का विषय बन गई हैं।

नई शराब नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई। रिपोर्ट में कई अनियमितताओं और सरकार को हुए नुकसान का जिक्र किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि इस रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए लोक लेखा समिति (PAC) को भेजा जाएगा। जानकारों का मानना ​​है कि इसके बाद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, जो शराब नीति घोटाले में पहले ही जेल की हवा खा चुके हैं।

12 सदस्यीय पीएसी का गठन

सूत्रों के से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता जल्द ही 12 सदस्यीय पीएसी का गठन कर सकते हैं, जिसमें भाजपा और आप के सदस्य शामिल होंगे। पीएसी की जांच के बाद रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी जाएगी और उसके बाद वह इस पर आगे की कार्रवाई का आदेश दे सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन था। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अपना अभिभाषण दिया। भाजपा नीत दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में पिछली सरकार के कामकाज पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG Report) की 14 लंबित रिपोर्ट पेश कीं।

इन्हें उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद पेश किया गया। शराब नीति पर सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद जिस तरह से भाजपा आप पर आक्रामक हुई, उससे आप नेताओं की परेशानी बढ़ गई है।

पुरानी आबकारी नीति में सारे गुनाह

आतिशी ने कहा कि 8 अध्यायों में से एक अध्याय दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति पर है। आप सरकार ने पुरानी आबकारी नीति के कारण हो रहे भ्रष्टाचार को बार-बार दिल्ली की जनता के सामने उजागर किया है। आम आदमी पार्टी सरकार ने बार-बार उजागर किया है कि पुरानी आबकारी नीति में किस तरह से भ्रष्टाचार किया गया। पुरानी आबकारी नीति से पता चलता था कि शराब की कीमतों को किस तरह से प्रभावित किया गया।

पुरानी आबकारी नीति में हुआ भ्रष्टाचार

उन्होंने कहा कि शराब उत्पादक किस तरह से शराब के गलत दाम वसूल कर अधिक मुनाफा कमाते थे। आज CAG की रिपोर्ट से पता चला है कि पुरानी आबकारी नीति में किस तरह से भ्रष्टाचार हुआ था।

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि शराब की कालाबाजारी हो रही थी। सबको पता है कि शराब के ठेके किस पार्टी के लोगों के पास थे। कैग की रिपोर्ट बार-बार कह रही है कि जिनके पास शराब के ठेके थे, उनसे तस्करी हो रही थी। वहीं से कालाबाजारी हो रही थी और दिल्ली सरकार को घाटा हो रहा था।

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