जलगांव। महाराष्ट्र में बुधवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां के जलगांव में मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में फैली आग की अफवाह ने 13 लोगों की जान ले ली। दरअसल ट्रेन में जब आग की अफवाल फैली तो यात्रियों ने परेशान होकर चैन पुलिंग की और उतरने लगे। इसी दौरान बगल के ट्रैक में आ रही एक दूसरी ने करीब 50 यात्रियों को रौंद दिया। जिसमें 13 की लोगों की जान ही चली गई। अधिकारियों ने बताया कि हादसा उस समय हुआ, जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बंगलूरू से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हादसे का पहला कारण यह बताया जा रहा है कि जिस जगह पर हादसा हुआ। वहां रेलवे का ट्रैक घुमावदार था, जिसकी वजह से कर्नाटक एक्सप्रेस की दृश्यता प्रभावित हुई। यही कारण है कि ट्रेन की ब्रेक लगाने की दूरी भी प्रभावित हुई और यह बड़ा हादसा हो गया है। वहीं दूसरा बड़ा खुलासा ट्रेन में सवार एक यात्री ने किया है। उसने बताया कि ट्रेन में आग लगने की अफवाह एक चाय वाले ने फैलाई थी। हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि एक चाय वाले ने अफवाह फैला दी कि ट्रेन में आग लग गई है। इसके बाद ट्रेन के अंदर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उस चायवाले ने खुद ही चेन खींच दी। जब ट्रेन धीमी होने लगी तो यात्री जान बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे। चश्मदीद ने आगे बताया, “कुछ लोग उस ट्रैक पर कूद गए, जहां से बंगलौर एक्सप्रेस गुजर रही थी और वे कुचलकर मर गए। सैकड़ों लोग दूसरी तरफ कूद गए, जहां ट्रैक नहीं था। अगर वे इस तरफ कूदते तो और भी ज्यादा लोग मारे जाते।”
हादसे में जान गंवाने वाली एक महिला की बहू ने बताया, “मां ने कहा- तू सो जा… फिर अचानक बोली बोगी में आग लगी है भाग…भगदड़ मची तो मैं भी भीड़ में नीचे उतरी… न आग थी न कोई धुआं, बगल की पटरी पर देखा तो मां की बॉडी थी।” उन्होंने बताया कि धक्का मुक्की में मैं एक दरवाजे से बाहर निकली थी जबकि मां उस दरवाजे से गिरी, जिसके बगल में अन्य ट्रेन आ रही थी। इधर मां का शव लेने मुंबई से आए राधा के देवर और कमला भंडारी के पुत्र तपेंद्र ने बताया कि कैसे आखिरी बार फोन पर बात करते हुए मां ने कहा था कि ‘अपना ख्याल रखना, हम पहुंच जाएंगे।’
बता दें कि लखनऊ से पुष्पक एक्सप्रेस पूरी रफ्तार से मुंबई के लिए निकली थी। बुधवार को शाम 4:42 बजे का वक्त था, जब ट्रेन मुंबई से 425 किमी पहले जलगांव के पचोरा स्टेशन के करीब पहुंची थी, तभी आग की अफवाह ने भयंकर तबाही मचा दी। पटरी पर मौत के इस तांडव के बाद अब हादसे के गवाह और मृतकों के परिजनों ने मंजर को विस्तार से बताया है।