ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। कनाडा के समाचारपत्र द ग्लोब एंड मेल ने दावा कि ट्रूडो जल्द ही लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कॉकस की बुधवार को होने जा रही बैठक से पहले ट्रूडो लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि ट्रूडो की लोकप्रियता में हाल के समय में भारी गिरावट आई है। यहीं नहीं, कई एजेंसियों द्वारा कराए गए सर्वे में दावा किया गया है कि आगामी चुनाव में पिएरे पोलिएवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में आ सकती है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद उन्हें पार्टी के भीतर भी विरोध झेलना पड़ रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मतभेद के कारण कुछ दिन पहले ही डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी इस्तीफा दे दिया था। डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद ट्रूडो का विरोध तेज हुआ। क्रिस्टिया ने उसी दिन इस्तीफा दिया, जिस दिन उन्हें बजट पेश करना था। उनके इस्तीफे के बाद अब कैबिनेट भी ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बना रही है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ट्रूडो इस्तीफे के बाद तुरंत पद छोड़ देंगे या फिर नए नेता की नियुक्ति तक पद पर बने रहेंगे। बता दें कि एक हालिया सर्वे में दावा किया गया कि 73 प्रतिशत कनाडा के नागरिक चाहते हैं कि ट्रूडो प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दें। इनमें 43 प्रतिशत लिबरल मतदाता भी शामिल हैं।
एनडीपी ने ट्रूडो सरकार वापस ले लिया है समर्थन
जस्टिस ट्रूडो बीते एक दशक से कनाडा की सत्ता पर काबिज हैं, लेकिन बीते कुछ समय में उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। ट्रूडो की सहयोगी पार्टी और जगमीत सिंह के नेतृत्व वाली एनडीपी ने बीते दिनों ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट आने की प्रमुख वजहें अर्थव्यवस्था, कनाडा में घरों की कीमतों में जबरदस्त उछाल, अप्रवासी मुद्दा आदि शामिल हैं। कनाडा के अधिकतर बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के बजट के बाहर हो गया है। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है और सरकार इसे नियंत्रित कर पाने में नाकाम रही है। ये भी एक बड़ी वजह है कि लोगों में ट्रूडो सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है।
कोरोना महामारी के बाद कनाडा में 8 फीसदी तक बढ़ गई थी महंगाई
कोरोना महामारी के बाद कनाडा में महंगाई 8 फीसदी तक बढ़ गई थी। हालांकि फिलहाल यह दो प्रतिशत से नीचे है। कनाडा में बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है, जो फिलहाल छह फीसदी के आसपास है। ट्रूडो सरकार के कार्बन टैक्स कार्यक्रम की भी विपक्ष द्वारा आलोचना की जा रही है। कनाडा में अप्रवासन भी बड़ा मुद्दा है। हालांकि ट्रूडो सरकार ने हाल के समय में अप्रवासन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं, जिससे अप्रवासियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि अभी भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई है। अप्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से कनाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था और अन्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा है। कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी कई कनाडाई नागरिक नाराज हैं। हाल ही में कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ट्रूडो पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा है।