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अटलजी ने कभी नहीं की डर्टी पॉलिटिक्स, भारत रत्न के 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर बोले पीएम, समाधि स्थल पहुंचीं राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति भी

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नई दिल्ली। भारत रत्न से सम्मानित और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती है। बता दें कि इस दिन को हर साल भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। अटलजी की 100वीं जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्राबाबू नायडू समेत तमाम भाजपा और अन्य दलों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्रद्धांजलि सभा का अयोजन दिल्ली में स्थिति उनके समाधि सदैव अटल पर आयोजित किया गया। पीएम मोदी ने अटलजी को श्रद्धांजलि देने के बाद सोशल मीडिया में एक पोस्ट भी शेयर की है। बता दें कि अटलजी देश के पहले गैर कांग्रेस प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था।

मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी 100वीं जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर शक्ति का संचार करता रहेगा। वहीं पीएम मने अटलजी को याद करते हुए एक लेख में लिखा कि 25 दिसंबर का ये दिन भारतीय राजनीति और भारतीय जनमानस के लिए एक तरह से सुशासन का अटल दिवस है। वे स्टेट्समैन की तरह खड़े रहे और लोगों को प्रेरित करते रहे हैं। पीएम ने आगे लिखा- अटल बिहारी वाजपेयी ने खरीद-फरोख्त नहीं की। डर्टी पॉलिटिक्स के रास्ते पर चलने के बजाय 1996 में इस्तीफा देना पसंद किया। 1999 में उनकी सरकार 1 वोट से गिर गई थी।

आज ही के दिन अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था
बता दें कि अटलजी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे और अटल बिहारी वाजपेयी दशकों तक भाजपा का बड़ा चेहरा थे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिन का था। इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बने और 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। यहीं नहीं, उन्होंने 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोराजी देसाई के मंत्रिमंडल में भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी काम किया। 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया।

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