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संत शिरोमणि का राजधानी में बनेगा स्मारक, स्मृति दिवस पर सीएम की घोषणा: विद्यासागर जी के लिए यह बड़ी बात भी

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भोपाल। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का गुरुवार को स्मृति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम विधानसभा परिसर में आयोजित किया गया। खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी जैन संत का स्मृति दिवस विधानसभा में मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव, सांसद आलोक शर्मा, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने भोपाल में आचार्य विद्यासागर महाराज का स्मारक बनाने का ऐलान किया। वहीं आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन पर आधारित 25 किताबों का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने अपने जीवन में सभी आवश्यक नियमों का पालन किया। संत परंपरा का अनुसरण करते हुए उनके प्रकृति के साथ संबंध, जीवन शैली, मानव सेवा और समाज को मार्गदर्शन के माध्यम से वे अपने जीवन काल में ही देवता के रूप में स्वीकारे जाने लगे। व्यक्तिगत जीवन में तप, संयम, त्याग, सेवा, समर्पण जैसे शब्द उनके व्यक्तित्व के सम्मुख छोटे पड़ जाते हैं। सीएम ने कहा कि विद्यासागर जी ने अपनी इच्छा शक्ति से जीवन के कई क्षेत्रों में समाज को दिशा दी। स्वरोजगार के क्षेत्र में जेल से लेकर समाज में महिलाओं को रोजगार देने का मार्ग प्रशस्त किया। गौ-माता की भी उन्होंने चिंता की तथा गौ-माता के माध्यम से लोगों के जीवन और प्रकृति में बदलाव के लिए गतिविधियों को प्रोत्साहित किया।

वस्त्र बदलने के समान ही पवित्र आत्मा बदलती है शरीर
इस दौरान सीएम ने बताया कि उन्हें नेमावर में संत-श्री के सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। साक्षात देवता के दर्शन के समान प्रतीत होता संत-श्री का अलौकिक व्यक्तित्व जीवन को धन्य करने वाला था। जैन और सनातन दर्शन में आत्मा की भूमिका आवागमन की बताई गई है। यह माना जाता है कि वस्त्र बदलने के समान ही पवित्र आत्मा शरीर बदलती है। इस दृष्टि से यह मानना कि महाराज जी हमारे बीच नहीं है, व्यर्थ है। वास्तविकता यह है कि उन्हें स्मरण करने और मन की आंखों से देखने के क्षणिक प्रयास मात्र से ही आचार्य श्री विद्यासागर जी के आस-पास होने की सहज अनुभूति होती है। उनके व्यवहार, स्वरूप और विचार के प्रभाव के परिणाम स्वरूप सभी व्यक्ति उन्हें अपना मानते थे। प्रदेशवासियों में संत-श्री के प्रति इतने अपनत्व और आदर का भाव था कि यह किसी को अनुभूति ही नहीं होती थी कि वे कर्नाटक से हैं।

सीएम का मुकुट और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दिगम्बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम में आयोजनकर्ताओं ने मुकुट तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिवादन किया। उनको शॉल भी सम्मानपूर्वक भेंट की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संत शिरोमणि श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित किया तथा मुनिश्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन और कृतित्व पर आधारित 25 पुस्तकों का विमोचन किया।

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