17.3 C
Bhopal

शिप्रा नदी पर बनेगा 29 किमी लंबा घाट, अब खुद बना सकेंगे डिजिटली जन्म-मृत्यु प्रमाण: मोहन कैबिनेट ने किसानों को भी दी सौगात

प्रमुख खबरे

भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में कई अहम फैसलों को हरी झंडी दी गई। कैबिनेट ने सबसे अहम फैसला जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू करने को मंजूरी दी है। यानि अब लोग खुद ही सर्टिफाइड कर आॅनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना सकेंगे। हालांकि गलत जानकारी देने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं कृषकों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराइजेशन) करने की स्वीकृति दी गई। बता दें कि मोहन सरकार की साल 2024 की आखिरी कैबिनेट बैठक थी।

कैबिनेट बैठक में सिंहस्थ मेले के लिए क्षिप्रा नदी पर 29 किमी लंबे घाट निर्माण और धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। वहीं संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को भी मंजूरी दी गई, जिससे 4.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलो की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी।

29 किमी का घाट बनेगा शिप्रा नदी के दाएं किनारे पर
विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोगों के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया है। 29 किलोमीटर का घाट शिप्रा नदी के दायें किनारे पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनेगा। इसकी लागत 771 करोड़ रुपए होगी। उन्होंने बताया कि किसानों की डिमांड को देखते हुए 11 केवी फीडर्स को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा। इसके बाद किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली दी जा सकेगी। सरकार ने यह भी तय किया है कि एमपी में सौ फीसदी एरिया को सिंचित बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कार्बन क्रेडिट का लाभ प्रदेश को मिल सके, इस पर भी काम कर रहे हैं।

जन्म प्रमाणपत्र जन्म की तारीख और स्थान का प्रमाण होगा
कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमों के अनुसार, जन्म प्रमाणपत्र जन्म की तारीख और स्थान का प्रमाण होगा। विशेष परिस्थितियों में मृत्यु प्रमाणपत्र तुरंत जारी करने के लिए उप-रजिस्ट्रार नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है। विलंबित सूचना के लिए स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज और मजिस्ट्रेट के स्थान पर जिला मजिस्ट्रेट को आदेश देने का प्रावधान है।

मप्र में सौ फीसदी सिंचाई रकबा बनाने का प्लान
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया, ‘कैबिनेट ने तय किया है कि एमपी को सौ फीसदी सिंचित एरिया बनाया जाएगा। सरकार का कहना है कि केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से सिंचाई और पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। एमपी का सिंचाई रकबा भी बढ़ेगा। इन परियोजनाओं में 90 फीसदी राशि केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार देगी।

संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना
मंत्रिपरिषद ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की संशोधित लागत 28,798.02 करोड़ की स्वीकृति दी। इस परियोजना से 4.73 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही, चंबल की मुख्य नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से 1,205 गांवों में 3.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।

धरती आबा योजना को कैबिनेट में मंजूरी
विजयवर्गीय ने कहा- ट्राइबल एरिया के लिए समेकित योजना के माध्यम से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना में पंचायत, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन का पंजीयन और सौ फीसदी लाभ दिलाने के लिए काम करना है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 52 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। इन गांवों में आदिवासियों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।

कैबिनेट बैठक में ये फैसले भी हुए

  • डिजिटल प्रक्रियाओं से प्रमाणन में पारदर्शिता।
  • सौर ऊर्जा के उपयोग से कृषि क्षेत्र में सुधार।
  • महत्वपूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई और जल आपूर्ति का विस्तार।
  • जनजातीय क्षेत्रों में विकास योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन।
- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे